रीवा. चित्रांगन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म एवं नाट्य महोत्सव के तृतीय दिवस का आयोजन कला, साहित्य और सिनेमा प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस अवसर पर सामाजिक चेतना से प्रेरित फिल्मों का प्रदर्शन, मास्टर क्लास सत्र और बहुप्रतीक्षित नाटक चंदा बेड़नी का प्रभावशाली मंचन किया गया।
महोत्सव के तृतीय दिवस के पहले सत्र में सामाजिक जनचेतना और शहीदों को समर्पित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इन फिल्मों ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया और समाज में जागरूकता लाने में सिनेमा की भूमिका को रेखांकित किया है । मास्टर क्लास में बॉलीवुड अभिनेता दुर्गेश कुमार ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने अपने संघर्ष और अभिनय के सफर के बारे में बताते हुए कहा सफलता निरंतर अभ्यास, अनुशासन और नई चीजें सीखने से ही संभव होती है। वहीं सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि रंग उत्सव समिति का आयोजन चित्रांगन विंध्य की कला और संस्कृति को आगे लेकर जाएगा। इस अवसर पर शिवकेश मिश्रा, जयराम शुक्ल, परमजीत सिंह डंग, विभू सूरी, देवेन्द्र सिंह, कविता पाण्डेय, ब्रह्मनंद त्रिपाठी, शुभम पाण्डेय सहित अन्य साहित्य एवं कला प्रेमी मौजूद रहे।
चंदा बेड़नी का भावनात्मक मंचन
शनिवार को शाम 7 बजे से बहुप्रतीक्षित नाटक चंदा बेड़नी का मंचन किया गया। इसमें समाज में हाशिए पर खड़ी महिलाओं के संघर्ष और आत्मसम्मान की लड़ाई को प्रस्तुत किया गया है। नाटक चंदा बेड़नी के प्रभावी संवाद, सशक्त अभिनय और मंचीय संयोजन ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसका निर्देशन संजय जादौन ने किया और लेखन स्व. अलखनंदन का था।
ब्रेन रॉट डांस प्रस्तुत
पूर्व रंग में ब्रेन रॉट डांस ने दर्शकों को आकर्षित किया। यह प्रस्तुति अश्वनी जायसवाल और आदित्य शर्मा के लेखन तथा निर्देशन ने हुई। जिसमें कलाकर ग्लोरी जायसवाल, अभिलाषा शुक्ला, श्रेया मिश्रा, अरुणेंद्र साकेत, आदित्य, अश्वनी ने प्रस्तुत किया।
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