रीवा। आंख के पास गांठ को जिसे साधारण समझकर लंबे समय तक अनदेखी किया, उससे जब आंख की रोशनी चली गई तब जांच के लिए मरीज को रीवा लाया गया। यहां मेडिकल कालेज के गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग के डाक्टर्स ने जांच में पाया कि यह कैंसर का रेयर केस है जो लाखों मरीजों में से किसी एक को होता है। कई तरह की जांच के बाद जब इसकी पुष्टि हुई कि यह क्लीयर सेल कार्सिनोमा कैंसर है, तब चिकित्सकों की टीम ने मरीज का सफल आपरेशन कर नया जीवन दिया है।
सीधी जिले के छुही गांव की निवासी गुड्डू बाई (41) को करीब महीने भर पहले उपचार के लिए पति शिवकुमार साहू रीवा लेकर आए थे। यहां गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के ईएनटी विभाग के डाक्टर्स ने पहले प्रारंभिक रूप से जांच कराई, जिसमें कैंसर के लक्षण पाए गए। इस कारण कैंसर से जुड़ी जांच भी कराई गई, जब इसकी पुष्टि हो गई तब आपरेशन की योजना बनाई गई। ईएनटी सर्जरी के प्रमुख डॉ. मोहम्मद अशरफ ने अपनी पूरी टीम के साथ जांच कराई और अध्ययन में पाया कि यह क्लीयर सेल कार्सिनोमा कैंसर का रूप है। मेडिकल के क्षेत्र में यह कैंसर दुर्लभ कहा जाता है। लाखों मरीजों के बीच किसी एक में होता है। महिला के चेहरे में सूजन बढ़ रहा था। आंख के पास एक गांठ बन गई थी। साथ ही उसकी एक आंख से दिखना भी बंद हो चुका था। नाक से भी खून जाने लगा था। ऐसे में शरीर के दूसरे हिस्से में भी यह मर्ज फैलता जा रहा था। जिसके चलते आपरेशन का निर्णय लिया गया। महिला मरीज की आंख खराब हो चुकी थी और उसमें भी कैंसर के वायरस पहुंच चुके थे। इसलिए उसकी एक आंख को निकालना पड़ा है। चेहरे से गांठ के साथ ही चमड़ी का कुछ हिस्सा भी निकाला गया है। आपरेशन के बाद महिला स्वस्थ बताई गई है। महिला के पति शिवकुमार साहू ने इस पूरे प्रकरण में डाक्टरों के सकारात्मक रुख के साथ मदद करने और आपरेशन सफल करने पर धन्यवाद भी ज्ञापित किया है। इस आपरेशन में ईएनटी के सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद अशरफ, डॉ. यास्मीन सिद्दीकी, डॉ. विकास, डॉ. विनीत, डॉ. शेहला, डॉ. अभिषेक, डॉ.हरीश सहित अन्य मौजूद रहे।
अब तक 74 मरीज इस कैंसर के मिले
क्लीयर सेल कार्सिनोमा कैंसर को रेयर माना जाता है। यह अधिकांशत: किडनी, महिलाओं के गर्भाशय आदि के साथ ही पेट के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। कुछ जगह त्वजा में भी इसके प्रकार पाए जाते रहे हैं। चिकित्सकों की मानें तो कई रिपोर्ट के अनुसार आंख के पास होने का उदाहरण अब तक सामने नहीं आया है। क्लीयर सेल कार्सिनोमा के अब तक ७४ मामले सामने आ चुके हैं। इसे ७५वां प्रकरण माना जा रहा है। हालांकि यह चिकित्सकों का अनुमान है, आधिकारिक डाटा इसका जारी नहीं हुआ है।
खून की कमी थी तो आठ यूनिट डाक्टर्स ने दिया
महिला जब उपचार के लिए अस्पताल आई थी तब उसके शरीर में खून की भी कमी थी। इसलिए मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर्स और मेडिकल छात्रों ने आठ यूनिट ब्लक डोनेशन किया। महिला को आपरेशन के पहले ही चार यूनिट ब्लड चढ़ाना पड़ा तब वह आपरेशन के लायक हुई। महिला मरीज के पति ने बताया कि वह आर्थिक रूप से कमजोर है और रीवा में संपर्क भी नहीं था इसलिए खून जुटाना मुश्किल भरा काम था। डाक्टर्स के सहयोग से यह पूरा हुआ है।
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