रीवा। शहर में आग लगने की घटनाओं के बाद नगर निगम प्रशासन ने बाजार क्षेत्र में लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। शहर के कई हिस्सों में बड़े व्यवसायिक भवन हैं, इनमें आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। इसलिए अब नगर निगम ने कहा है कि सभी प्रमुख व्यवसायिक भवनों फायर सेफ्टी के इंतजाम जरूरी हैं। इन जगहों पर फायर फाइटिंग के आधुनिक सिस्टम लगाने के साथ ही उनका नियमित रूप से परीक्षण कराए जाने के लिए कहा गया है। नगर निगम की ओर से शहर के प्रमुख अस्पतालों, स्कूलों, कालेजों के साथ ही व्यवसायिक काम्पलेक्स आदि के भवनों की सुरक्षा करने के लिए संबंधित भवनों के मालिक, संचालकों आदि को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि शार्ट सर्किट की वजह से भी कई बार आग लगने की घटनाएं होती हैं। इस कारण बिजली की वायरिंग की जांच जरूरी है। जिसके चलते इलेक्ट्रिक आडिट सभी कराएं ताकि ऐसी घटनाओं से रोका जा सके। हाल के दिनों में शहर में दो प्रमुख स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुई हैं। जिसमें शिल्पी प्लाजा स्थित लोकायुक्त कार्यालय में शार्ट सर्किट से ही आग लगी थी। जिसे समय रहते बुझा लिया गया अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। कार्यालय के विवेचना से जुड़े दस्तावेज सुरक्षित हैं। इस घटना के बाद शिल्पी प्लाजा परिसर के व्यापारियों ने आवाज उठाई और कहा कि सुरक्षा के इंतजाम जरूरी हैं। कलेक्टर ने भी इस मामले में शिल्पी प्लाजा परिसर की देखरेख करने वाली कमेटी से पूरी रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि परिसर की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम किए जाएंगे। यह भवन लोक निर्माण विभाग की देखरेख में है। जहां पर पूर्व में लगाया गया आधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम का अधिकांश हिस्सा चोरी हो चुका है। जिसकी वजह से आग लगने की घटनाओं के दौरान पूरी तरह से नगर निगम के फायर ब्रिगेड पर निर्भरता होती है। इसी तरह बरा मोहल्ले में संचालित इलेक्ट्रानिक शोरूम की दुकान में भी आग भड़की जिसमें बड़ी संख्या में फ्रीज, एसी, टीवी सहित अन्य उपकरण जलकर खाक हो गए हैं। इसमें करोड़ों रुपए नुकसान होने की जानकारी सामने आ रही है। लगातार हो रही घटनाओं के चलते अब प्रशासन भी अलर्ट हो गया है।
आयुक्त ने फायर आडिट से जुड़ी मांगी रिपोर्ट
नगर निगम आयुक्त ने विभागीय अधिकारियों से फायर आडिट से जुड़ी रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि जिन भवनों में फायर आडिट नहीं होगी उनके संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा सकती है। नियम है कि शहर के प्रमुख बड़े भवन जहां पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं और बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। वहां पर १५ मीटर के ऊपर की ऊंचाई वाला भवन है तो फायर सेफ्टी एक्सपर्ट रखना जरूरी है। साथ ही हर साल फायर आडिट भी होना चाहिए। निगम आयुक्त ने अधिकारियों से मांगा है कि शहर में ऐसे कितने भवन हैं जिनमें नियमित फायर आडिट हो रही है। साथ ही कितने स्थान ऐसे हैं जहां पर अग्रि सुरक्षा से जुड़े कोई इंतजाम नहीं हैं।
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