Police confused over alleged gangrape incident in GMH Rewa: रीवा के गांधी स्मृति चिकित्सालय में किशोरी के साथ हुई कथित गैंगरेप की घटना को लेकर पुलिस ने शनिवार को 'सीन रिक्रिएशन' किया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक-एक पल की टाइमिंग को मिलाया गया, ताकि पीड़िता के बयानों की सच्चाई परखी जा सके। यह मामला गांधी स्मृति चिकित्सालय के ईएनटी वार्ड का है, जहां अपनी मां का इलाज कराने आई एक किशोरी के साथ कथित तौर पर दरिंदगी हुई थी। शुरुआत में पुलिस ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में किशोरी ने अपने बयान में गैंगरेप का खुलासा किया। शनिवार तड़के पुलिस टीम अस्पताल पहुंची और घटना के पूरे सीन को फिर से दोहराया। टीम ने वार्ड से लेकर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तक जाने और वहां से वापस आने में लगने वाले समय की सीसीटीवी कैमरों की मदद से बारीकी से जांच की। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बताए गए समय पर किशोरी के साथ बलात्कार की संभावना कितनी थी। पुलिस ने हर एक सेकंड की जांच की और पूरे घटनाक्रम की बारीकी से पड़ताल की। मामले में कुछ नए तथ्य सामने आने के बाद पुलिस ने किशोरी के पूरक कथन भी दर्ज किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
स्लाइड सागर भेजी गई
शनिवार को कंट्रोल रूम में पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किशोरी के पहले बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने जोर दिया कि चूंकि यह एक नाबालिग बच्ची के साथ हुई घटना है, इसलिए उनका पूरा प्रयास बच्ची को न्याय दिलाना है। एसपी ने चिंता जताई कि पीड़िता से बार-बार मीडिया के सामने बयान दिलवाए जा रहे हैं, जिससे उसका केस कमजोर हो सकता है, क्योंकि उसके दोनों बयानों में अलग-अलग घटनाओं का जिक्र है। उन्होंने यह भी बताया कि पीड़िता की स्लाइड जांच के लिए सागर भेजी गई है। पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
न्यायालय में पुलिस के दबाव में कथन
पीड़िता शनिवार को एक बार फिर मीडिया के सामने आई। उसने गैंगरेप की जानकारी दी है। पीड़िता के मुताबिक आरोपी वार्ड ब्वाय ने उसकी अश्लील फोटो एडिट कर बनाई थी। उसके आधार पर वह ब्लैकमेल कर रहा था। उसके बुलाने पर वह फोटो डिलीट करवाने गई थी, जिस पर वह जबरदस्ती हाथ पकड़कर उसको अपने साथ ले जा रहा था। उसके बाद वह अचेत हो गई थी। उसे इस बात का आभास हो रहा है कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। वार्ड ब्वाय ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उसके साथ दरिंदगी की थी। उसने न्यायालय में पुलिस के दबाव में कथन दिए थे।
कांग्रेस नेताओं ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा
मामले को लेकर शनिवार को कांग्रेस नेताओं ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है। शहर अध्यक्ष लखनलाल खंडेलवाल के नेतृत्व में सभी कांग्रेस नेताओं ने एसपी को तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया, जिसमें गैंगरेप की घटना को अंजाम देने वाले दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने, अस्पताल में जिन कर्मचारियों की भूमिका सामने आई है उनको निलंबित करने, इस तरह की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल आरोपियों को चार दिन बाद भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। जिले में कानून और व्यवस्था का अपराधियों में भय नहीं है। इस तरह की घटनाएं अस्पताल के अंदर हो रही है, जिससे आम लोगों में भी असुरक्षा का भाव बन रहा है। इस दौरान पार्षद धनेन्द्र सिंह बघेल, सज्जन पटेल, शिवेन्द्र सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
एसपी और अधीक्षक को नहीं हटाया तो नहीं मिल पाएगा न्याय
आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रमोद शर्मा ने रीवा के एसपी विवेक सिंह और संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यदि इन दोनों अधिकारियों को नहीं हटाया गया, तो गैंगरेप पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाएगा, क्योंकि इनके द्वारा बलात्कार की घटना को छेड़छाड़ बताकर आरोपियों को बचाया जा रहा है। पत्रकारवार्ता में शर्मा ने कहा कि पुलिस और प्रशासन सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पीड़िता स्वयं सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की बात कह रही है, लेकिन पुलिस की जांच में पारदर्शिता नहीं दिख रही, बल्कि आरोपियों को राहत देने की कोशिशें स्पष्ट हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है जब रीवा में राजनीतिक संरक्षण में अपराधों को दबाने की कोशिश हुई हो। शर्मा ने मांग की कि जांच की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए इन दोनों अधिकारियों को तत्काल हटाया जाना चाहिए। उन्होंने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के निष्पक्ष जांच के आश्वासन को 'राजनीतिक बयान' बताया और कांग्रेस से भी इस मामले में ठोस आवाज उठाने की अपील की।
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