रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक एक के सभागार में मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत आयोजित लैपटॉप राशि वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मिश्रा ने कहा कि बच्चों को मिलने वाली लैपटॉप की राशि उनके पिता नशे, जैसे गांजा, में उड़ा देंगे। उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वे अपने पिताओं से लड़कर खुद लैपटॉप खरीदें। इस बयान से उपस्थित लोग हैरान रह गए, और कुछ अभिभावकों व शिक्षकों ने इसे अपमानजनक और असंवेदनशील करार दिया।
बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिस पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इसे गरीब और मेहनतकश अभिभावकों का अपमान बताते हुए सांसद से सार्वजनिक माफी की मांग की। अब तक मिश्रा की ओर से कोई स्पष्टीकरण या खेद प्रकट नहीं किया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब मिश्रा विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले स्वच्छता अभियान के दौरान खुले में शौच करने वालों को डांटने जैसे मामलों में भी वे चर्चा में रह चुके हैं। इस बयान ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक मंच पर बोलते समय अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार नहीं होना चाहिए?
यह पहली बार नहीं है जब मिश्रा विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले स्वच्छता अभियान के दौरान खुले में शौच करने वालों को डांटने जैसे मामलों में भी वे चर्चा में रह चुके हैं। इस बयान ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक मंच पर बोलते समय अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार नहीं होना चाहिए?
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