रीवा, मध्य प्रदेश: रीवा संभाग का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र कहे जाने वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (NABH) की टीम ने निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां पाई हैं, जिससे अस्पताल प्रबंधन के होश उड़ गए हैं। इन खामियों को दुरुस्त किए बिना अस्पताल को दोबारा NABH सर्टिफिकेट मिलना मुश्किल लग रहा है।
निरीक्षण और खामियों की लंबी फेहरिस्त
हाल ही में रीवा पहुंची NABH की तीन सदस्यीय टीम, जिसमें डॉ. प्रतिभा मैसूर (प्राचार्य), डॉ. रविशंकर (कर्नाटक) और सिल्विया मैथ्यू (दिल्ली) शामिल थीं, ने अस्पताल का गहन निरीक्षण किया। टीम ने दो दिनों तक अस्पताल के हर कोने का जायजा लिया और मरीजों के स्वास्थ्य व सुविधाओं से जुड़ी हर व्यवस्था को परखा।
NABH टीम ने अस्पताल प्रबंधन को लगभग 60 खामियां गिनाईं और उन्हें जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बताया गया है कि 3 साल पहले ये खामियां 100 से ऊपर थीं, लेकिन करोड़ों खर्च करने के बावजूद अब भी आधी खामियां बनी हुई हैं।
प्रमुख खामियां
NABH टीम द्वारा बताई गई कुछ प्रमुख खामियां इस प्रकार हैं:
अधूरी नेमप्लेट और मोनो: अस्पताल की बिल्डिंग पर लगा नाम और लोगो अधूरा पाया गया।
सफाई व्यवस्था पर सवाल: टीम ने अस्पताल की साफ-सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए।
सीपेज और जल निकासी: दीवारों पर जगह-जगह सीपेज और पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम न होना।
स्टाफ और काउंटर की कमी: मरीजों के लिए वॉर्ड बॉय की कमी, पर्याप्त ओपीडी काउंटर न होना, लंबी लाइनें और भीड़ के हिसाब से स्टाफ की कमी जैसी शिकायतें मिलीं।
दस्तावेज संधारण में कमी: दस्तावेजों का सही संधारण न होना।
इनके अलावा भी कई अन्य गंभीर खामियां पाई गई हैं जिनकी पूर्ति आवश्यक है।
सर्टिफिकेट पर मंडराया संकट
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा को वर्ष 2022 में NABH सर्टिफिकेट मिला था, जिसका अर्थ है कि यह स्वास्थ्य सेवाओं के सभी बड़े मानकों को पूरा करता था। हालांकि, सर्टिफिकेट की समय-सीमा समाप्त होने से पहले किए गए इस निरीक्षण ने अस्पताल की वर्तमान स्थिति पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
NABH मेल के जरिए अस्पताल प्रबंधन को इन खामियों को दुरुस्त करने के लिए एक डेडलाइन देगा, और उस अवधि में इन खामियों को दूर करने के बाद ही अस्पताल को NABH सर्टिफिकेट दोबारा मिल पाएगा। इन खामियों को सुनने के बाद पूरा अस्पताल प्रबंधन अब इन्हें दुरुस्त करने में जुट गया है।
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