रीवा। रीवा जिला के थाना मनगवा अंतर्गत 2 जुलाई 2025 को एक अज्ञात गर्भवती महिला, जिसकी उम्र लगभग 45 वर्ष थी, को आश्रय और अभिरक्षा के लिए वन स्टॉप सेंटर लाया गया था। यह महिला बोलने और सुनने में असमर्थ थी तथा अपनी गर्भावस्था के नौवें महीने में थी। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, नयन सिंह के निर्देश पर प्रशासक सुमन नामदेव ने महिला के समुचित इलाज और परिजनों की खोज के लिए त्वरित कदम उठाए।
सहायक संचालक आशीष द्विवेदी ने साइन लैंग्वेज विशेषज्ञ को वन स्टॉप सेंटर भेजा, किंतु प्रारंभिक प्रयासों में सफलता नहीं मिली। इसके बाद, 5 जुलाई 2025 को वन स्टॉप सेंटर की मदद से महिला को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने एक बालक को जन्म दिया।
वन स्टॉप सेंटर ने महिला के इलाज के साथ-साथ उसके परिजनों की खोज जारी रखी। निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप 7 जुलाई 2025 को महिला के परिजनों का पता लगा लिया गया। महिला मूल रूप से सिरमौर तहसील की निवासी थी और भटककर मनगवा के बाजार क्षेत्र में पहुंच गई थी।
महिला के परिजनों (सास और देवरानी) ने वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों क्षितिज तिवारी, रेखा चतुर्वेदी और सलमा खान के प्रति आभार व्यक्त किया। अपने खोए हुए परिवारजन को पाकर परिजन अत्यंत खुश थे। इस कार्य में वन स्टॉप सेंटर की टीम की सराहनीय भूमिका रही।
वन स्टॉप सेंटर ने महिला के इलाज के साथ-साथ उसके परिजनों की खोज जारी रखी। निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप 7 जुलाई 2025 को महिला के परिजनों का पता लगा लिया गया। महिला मूल रूप से सिरमौर तहसील की निवासी थी और भटककर मनगवा के बाजार क्षेत्र में पहुंच गई थी।
महिला के परिजनों (सास और देवरानी) ने वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों क्षितिज तिवारी, रेखा चतुर्वेदी और सलमा खान के प्रति आभार व्यक्त किया। अपने खोए हुए परिवारजन को पाकर परिजन अत्यंत खुश थे। इस कार्य में वन स्टॉप सेंटर की टीम की सराहनीय भूमिका रही।
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