मध्यप्रदेश के रीवा जिले में रेबीज ने दो लोगों की जान ले ली, जिससे इलाके में दहशत फैल गई है। गुड़ निवासी सुधीर पांडे (पिता विनायक प्रसाद पांडे) की कुत्ते के काटने और बैढ़न निवासी दीनदयाल साकेत (पिता सुदीन साकेत) की सियार के हमले से रेबीज फैलने के कारण मौत हो गई। दोनों ने रेबीज वैक्सीन ली थी, फिर भी संक्रमण रोकने में नाकामी ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुधीर पांडे की दर्दनाक मौत
परिजनों के मुताबिक, सुधीर को हाल ही में एक आवारा कुत्ते ने काटा था। उन्होंने तुरंत रेबीज का इंजेक्शन लगवाया, लेकिन संक्रमण फैलने से उनकी हालत बिगड़ गई। 15 अक्टूबर की शाम उन्हें संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि रेबीज के लक्षण दिखने के बाद उनकी हालत तेजी से बिगड़ी।
सियार के हमले में दीनदयाल की जान गई
1 अक्टूबर को बैढ़न में सुबह टहलने गए दीनदयाल साकेत पर सियार ने हमला कर दिया। सिंगरौली ट्रॉमा सेंटर में उन्हें दो रेबीज डोज दी गईं, लेकिन रेबीज का संक्रमण रोकने में यह नाकाफी रहा। इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। परिजनों ने इलाके में जंगली जानवरों की बढ़ती मौजूदगी पर चिंता जताई।
वैक्सीन की प्रभावशीलता पर सवाल
इन मौतों ने रेबीज वैक्सीन की समयबद्धता और गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज का पूर्ण वैक्सीन कोर्स (4-5 डोज) समय पर लेना जरूरी है, वरना यह जानलेवा साबित होता है। सिविल सर्जन डॉ. अजय तिवारी ने कहा, "हम वैक्सीन की डिलीवरी और डोज की जांच कर रहे हैं। आवारा कुत्तों और सियारों पर नियंत्रण के लिए अभियान शुरू होगा।"
स्थानीय लोगों में डर, प्रशासन से मांग
इन घटनाओं से रीवा में डर का माहौल है। लोग आवारा और जंगली जानवरों पर नियंत्रण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने और जागरूकता शिविर चलाने का आश्वासन दिया है। मध्यप्रदेश में रेबीज से होने वाली मौतें चिंता का विषय बनी हुई हैं।

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