रीवा। संजय गांधी अस्पताल रीवा के बाल्य एवं शिशु रोग (पीडियाट्रिक) विभाग ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विभाग ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (SNCU) और शिशु गहन चिकित्सा इकाई (PICU) में भर्ती बच्चों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाकर पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह सफलता नेशनल हेल्थ मिशन और प्रदेश सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मंशा को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश बजाज ने बताया कि पिछले वर्ष SNCU में मृत्यु दर लगभग 15 प्रतिशत थी, जो इस वर्ष घटकर 9 प्रतिशत से भी कम हो गई है। इसी तरह PICU में मृत्यु दर 4.2 प्रतिशत से घटकर मात्र 2.9 प्रतिशत दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि यह परिणाम संसाधनों की बेहतर उपलब्धता, चिकित्सकों की सेवा भावना, जूनियर डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की अथक मेहनत का फल है।
डॉ. बजाज ने आगे कहा, “हमारी पूरी टीम ने दिन-रात एक करके बच्चों की जान बचाने का काम किया। समय पर इलाज और आधुनिक उपकरणों की मदद से हमने बेहतर परिणाम हासिल किए हैं। यह सब टीमवर्क और अस्पताल प्रशासन के सहयोग से संभव हुआ।”
प्रदेश के अन्य जिलों में औसत मृत्यु दर 15 से 20 प्रतिशत के बीच रहती है, जबकि संजय गांधी अस्पताल का प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट रहा। अस्पताल प्रशासन का मानना है कि यह उपलब्धि भविष्य में बाल स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने की प्रेरणा देगी। डॉ. बजाज ने विभाग के अगले लक्ष्य के बारे में बताया कि अब मृत्यु दर को और कम करना तथा इलाज की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाना है।
डॉ. बजाज ने आगे कहा, “हमारी पूरी टीम ने दिन-रात एक करके बच्चों की जान बचाने का काम किया। समय पर इलाज और आधुनिक उपकरणों की मदद से हमने बेहतर परिणाम हासिल किए हैं। यह सब टीमवर्क और अस्पताल प्रशासन के सहयोग से संभव हुआ।”
प्रदेश के अन्य जिलों में औसत मृत्यु दर 15 से 20 प्रतिशत के बीच रहती है, जबकि संजय गांधी अस्पताल का प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट रहा। अस्पताल प्रशासन का मानना है कि यह उपलब्धि भविष्य में बाल स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने की प्रेरणा देगी। डॉ. बजाज ने विभाग के अगले लक्ष्य के बारे में बताया कि अब मृत्यु दर को और कम करना तथा इलाज की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाना है।

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