राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और पूर्व भाजपा सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार दोपहर रीवा में निधन हो गया। वे 67 वर्ष के थे। रीवा में चल रही रामकथा के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था। 12 वर्ष की आयु में वे अयोध्या आ गए और पूरा जीवन राम मंदिर आंदोलन को समर्पित कर दिया। वे उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और जौनपुर की मछलीशहर सीट से दो बार भाजपा सांसद रहे। दो दिन से उनका इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह तबीयत अधिक बिगड़ने पर उन्हें भोपाल एम्स एयरलिफ्ट करने की तैयारी की गई। एयर एंबुलेंस रीवा पहुंच भी गई, लेकिन घने कोहरे के कारण लैंडिंग नहीं हो सकी। थोड़ी देर बाद उनका निधन हो गया।
अस्पताल के डॉक्टर वीडी त्रिपाठी ने बताया कि वेदांती महाराज को सेप्टीसीमिया था, जिससे संक्रमण गुर्दे, फेफड़े और लीवर में फैल गया। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने बताया कि पार्थिव शरीर अयोध्या ले जाया गया है। जहां मंगलवार सुबह हिंदू धाम से अंतिम यात्रा निकलेगी, जो राम मंदिर तक जाएगी। सरयू तट पर सुबह 8 बजे अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन पर संत समाज, राजनीतिक जगत और राम भक्तों में शोक की लहर है।



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