अफ्रीकन स्वाइन फीवर से अब तक करीब दो से तीन सौ सुअरों की हो चुकी मौत
मध्यप्रदेश में पहली बार सूअरों की महामारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। रीवा जिले में लगातार सुअरों की मौत हो रही है। जिसने चिकित्सा विभाग की चिंता को बढ़ा दी है। बताया गया है कि रीवा में अब तक करीब दो से तीन सौ सुअरों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग ने रीवा से 11 सैंपल भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान जांच के लिए भेजे थे। जिसमें से सभी के रिपोर्ट में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद से पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप की स्थिति है। मध्यप्रदेश में पहली फैले इस संक्रमण के भोपाल मुख्यालय से इसे रोकने के लिए गाइडलाइन तय की गई है। यह सूअरों में फैलने वाली संक्रामक बीमारी है, जिसके चलते इसका दायरा आगे नहीं बढ़ेे इसके लिए इफेक्टेड जोन चिन्हित किए जाएंगे। इन जोन से एक किलोमीटर की परिधि में जितने भी पालतू और खुले में घूमने वाले सूअर हैं उन सबको मार दिया जाएगा।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण
यह सूअरों में फैलने वाली संक्रामक बीमारी। यह एक अत्यधिक घातक रोग है जो अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक वायरस से फैलता है। पालतू और जंगली दोनों ही तरह के सुअर इसके शिकार बनते हैं। इसके संक्रमण से सुअरों में तेज बुखार के साथ एनोरेक्सिया, भूख न लगना, त्वचा में रक्तस्राव, उल्टी और दस्त होने लगता है। जानकारों की माने तो अभी तक इस संक्रामक बीमारी की कोई दवा बनी है और ना ही इसका कोई टीका तैयार हुआ है। हालांकि इससे इंसानों व दूसरे जानवरों को कोई खतरा नहीं होता है।
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