तृतीया पर इस बार हस्त नक्षत्र के साथ शुभ योग
हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए हरतालिका तीज व्रत बहुत ही है। यह व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु, सुखद वैवाहिक जीवन और पारिवारिक खुशहाली के लिए रखती हैं। युवतियां हरतालिका व्रत सुयोग्य और मनचाहा वर प्राप्ति के लिए रखती हैं। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। हरतालिका तीज का निर्जला व्रत इस बार दुर्लभ योग लेकर आया है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया इस बार मंगलवार को हस्त नक्षत्र के साथ शुभ योग बन रहा है। ऐसे में शुभ योग में शिव-पार्वती की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। हरतालिका तीज का त्योहार मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य में मनाया जाता है। आइये जानते हैं पूजा विधि
हरतालिका तीज पूजन विधि
हरतालिका तीज पर ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान के साफ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव और माता पार्वती का मनन कर व्रत का संकल्प लें। दिन काली मिट्टी या रेत से शंकर-पार्वती मूर्ति बनाएं। एक लकड़ी की चौकी में चारों कोने में केले के पत्ते बांध दें। इस चौकी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियां स्थापित कर विधिवत पूजा करें। इसके साथ ही मां को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं और महादेव को भी वस्त्र अर्पित करें इसके बाद अब भोग लगाएं। भोग लगाने के पश्चात घी का दीपक जलाएं और हरतालिका तीज की व्रत कथा पढ़ें। अंत में आरती कर के भूल चूक के लिए हाथ जोड़ का माता पार्वती और भोलेनाथ से माफी मांगे। दिनभर व्रत रखने के साथ रात के समय जागरण करें। अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करने के बाद पुन: शिव-पार्वती जी की पूजा करके आरती कर लें। इसके बाद व्रत को खोलें।
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