रीवा। दो दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे कांग्रेस संगठन प्रभारी व पूर्व सांसद ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा की। पत्रकारवार्ता में उस समय कांग्रेस के संगठन प्रभारी प्रताप भानू शर्मा ने पत्रकार के सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी में अपराधिक छवि वालों को स्थान नहीं मिलता। पत्रकार द्वारा जब इस बात प्रमाण दिया गया कि गुढ़ कांग्रेस कमेटी के ब्लाक अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय पर आधा दर्जन से ज्यादा अपराध गुढ़ थाना के रिकॉड में दर्ज है। इतना ही नहीं गुढ़ के राजस्व रिकॉड में दर्ज आराजी क्रमांक 70/1, 70/3 के भूमि स्वामी अमित गुप्ता पिता बिहारी लाल गुप्ता की जमीन आराजी क्रमांक 70/1 में मुआवजे की राशि हड़पने के लिए कूट रचित दस्तावेज पेश कर साजिस की गई। इतना सुनते ही पत्रकावारवार्ता में बैठे कांग्रेस के पदाधिकारियों के स्वर तेज हो गये और सारा दोष भाजपा के माथे पर थोपने लगे। अपने ही पार्टी के पदाधिकारी के बचाव में किसी ने तो यहां तक कहा कि क्या न्यायालय ने सजा सुनाई है। पत्रकारवार्ता में हंसी के ठहाके उस वक्त लगे जब संगठन प्रभारी प्रताप भानू जो कुछ ही देर पहले बोले थे कि पार्टी में अपराधिक छवि के लोगों के लिए जगह नहीं है पर अपना सुर बदलते हुये कहा कि इस बात का जबाव सेमरिया के भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी से पूछो वही जबाब दे देंगे।
गुढ़ में कांग्रेस के पदाधिकारी भुना रहे राजनैतिक दुश्मनी
शिवराज सरकार को बदलने के लिए कांग्रेस द्वारा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान ब्लाक वार चलाया जा रहा है। जिसमें कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ घर-घर जाकर कांग्रेस का गुणगान कर भाजपा के कुशासन का ढिढ़़ोरा पीटे जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन गुढ़ में जो दृष्य आज सामने आया वह कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के विपरीत दिखाई दी। जो स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। वहां शिवराज सरकार को घेरने के बजाय व्यक्तिगत रूप से भाजपा के नगर परिषद अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह एवं उनके पति डॉ. कल्याण सिंह का विरोध करते हुये स्थानीय कांग्रेसी नजर आये। नगर परिषद अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह को बर्खास्त किये जाने एवं डॉ. कल्याण सिंह पर एनजीओ संचालिका के साथ मारपीट एंव छेड़छाड़ के आरोप में कठोर कार्यवाई किये जाने संबंध तहसीलदार के माध्यम से राजपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। विरोध करने वाले कांग्रेस के वही पदाधिकारी थे जो चुनाव मैदान में डॉ. अर्चना सिंह से लगातार हार का सामना करते चले आ रहे है। गिनती के चंद लोगों को लेकर पुराने थाना के सामने धरना-प्रदर्शन किया। मजे की बात तो यह है कि कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारियों के धरना-प्रदर्शन में गुढ़ की जनता की रूचि दिखाई नहीं दी। चर्चा के दौरान स्थानीय कुछ लोगों ने अपने नाम का उल्लेख न किये जाने की शर्त पर बताया कि भाजपा नेत्री डॉ. अर्चना सिंह से लगातार चुनाव में मुंह की खाने वाले कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की आड़ पर अपनी राजनैतिक दुश्मनी की रोटी सेंक रहे हैं। गुढ़ के एक सज्जन ने कहा कि भैय्या आज की जनता 70 साल पुरानी सोच की नहीं रह गई सब जागरुक हो चुके है। नेताओं को समझना चाहिये कि ये पब्लिक है सब जानती है।
मऊगंज कांड में कहां गई थी कांग्रेस की महिलाओं के प्रति संवेदानाऐं?
हाल ही में मऊगंज से एक वीडियो वायरल हुई। जिसमें एक युवक युवती के साथ बेरहमी से मारपीट को अंजाम दे रहा था। गनीमत रही उक्त मामले को प्रशासन ने संज्ञान में लिया और आरोपी को अंजाम तक पहुंचाया। प्रशासन ने इस घटना को संज्ञान में तब लिया जब मऊगंज से वीडियो वायरल होकर रीवा होते हुये भोपाल जा पहुंचा। आश्चर्य की बात यह है कि एनजीओ की महिला पर अत्याचार किये जाने का मुद्दा राग अलापने वाले कांगे्रसियों को मऊगंज में युवती के साथ हुये अत्याचार खमोश क्यों रहे? क्या उनके हाथ युवती के साथ मारपीट किये जाने की वीडियों नहीं लगी? मऊगंज में बैठे कांग्रेस के ब्लाक पदाधिकारी, कार्यकर्ता युवती की आवाज क्यों नहीं बने? तमाम सवाल इस ओर दर्शाते है कि गुढ़ में एनजीओ संचालिका का विवाद भाजपा नेत्री नगर परिषद अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह के पति से जुड़ा था। जिसे राजनैतिक तूूल दिया जा रहा है। अब कौन कहे कि भैय्या ये पब्लिक है सब जानती है।
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