रीवा. जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन में ऐसी क्या काबिलियत ठेकेदारों ने देखी कि उनके दिल से कलेक्टर का खौफ की खत्म हो गया। शहर से लेकर तराई अंचल तक के शराब ठेकेदार बेलागम हो गये। न तो इन पर जिला आबकारी अधिकारी का लगाम दिख रहा है और न ही कलेक्टर मनोज पुष्प का कानूनी चाबुक का असर। जिधर भी देखो तो लूट पर लूट मची हुई है। सुरा प्रेमी शराब ठेकेदारों के हाथों लुटने के लिए बेबस और लाचार दिखाई देता है। आबकारी विभाग ने तो जैसे अपने कानों पर रूई डाल ली हो और आंखो पर काला चश्मा लगा लिया हो। सीएम हेल्प लाइन में हो रही शिकायतें और वायरल हो रहे वीडियो के बाद भी न तो शराब कारोबारी और न ही आबकारी अमला चेत रहा है।
एमआरपी से ले रहे ज्यादा, वीडियो वायरल
हाल में एक वीडियो तराई अंचल से वायरल होते हुये शहर आ पहुंची। जिसमें शराब कारोबारी आशीष जायसवाल की दुकान में सुरा प्रेमी लूट का शिकार होते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो गढ़ी स्थित कंपोजिट शराब दुकान की है। जिसमें देशी मदिरा के साथ ही विदेशी मदिरा में शराब कारोबारी एमआरपी से ज्यादा दाम सुरा प्रेमी से लिये जाना बताया जा रहा है। इतना ही नहीं सुराप्रेमी द्वारा बिल मांगे जाने पर सेल्समैन सुराप्रेमी की बेइज्जती किये जाते हुये बताया गया। बताते चले कि तत्कालीन जिला सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर के कार्यकाल के शुरूआती दौर में जिले के शराब ठेकेदारों द्वारा सुराप्रेमियों को जम कर लूटा जा रहा था। इस बात की भनक जब तत्कालीन जिला सहायक आबकारी आयुक्त श्री सांगर तो लगी तो उन्होंने इन्ही सर्किल प्रभारी आबकारी उप निरीक्षकों से दुकानों की खरीदी करवाई और एमआरपी से ज्यादा दर पर शराब बेचते हुये रंगे हाथों पकड़ा। जिस पर प्रकरण पंजीबद्ध कर कलेक्टर न्यायालय में पेश कर दिया था। जिसे कलेक्टर ने संज्ञान में लेते हुये जिले की सात शराब दुकानों को लाईसेंस एक दिन के लिए निलंबित कर दिये थे। तब से शराब ठेकेदारों के अंदर तत्कालीन जिला सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर और कलेक्टर मनोज पुष्प का खौफ समां गया था।
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