शहर की तीसरी आंख ने पुलिस को दिया सुराग, सतना जिले के चप्पे-चप्पे से घसीट लाई चैन स्नेचरों को

Monday, 26 December 2022

/ by BM Dwivedi

रीवा शहर में विगत चार माह से चैन स्नेचिंग की वारदातें हो रही थी। गिरोह वारदात को अंजाम देते रहे और पुलिस बदमाशों को टोह लगाती रही। लेकिन पुलिस टीम को कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा था। अचानक शहर  की गलियों में लगी तीसरी आंख ने राज उगल दिया। जिसके सहारे पुलिस टीम सतना जिले तक जा पहुंची और सतना जिले के चप्पे-चप्पे पर दबिस दे कर छ सदस्यी गिरोह को पकड़ कर रीवा घसीट लाई। रविवार की शाम पुलिस कंट्रोल रूम में एसपी नवनीत भसीन ने चैन स्नेचरों की गिरोह का खुलासा करते हुये बताया कि पकड़े गये गिरोह ने 15 वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की है, जो अलग-अलग थाना क्षेत्र की है। खुलासा के दौरान एएसपी अनिल सोनकर, शहर एसपी शिवाली चतुर्वेदी सहित शहर के थाना प्रभारी मौजूद रहे।


पन्ना जिले का रहने वाला है गिरोह का सरगना

बताया कि चैन स्नेचिंग गिरोह का सरगना पन्ना जिले के देवेंद्रनगर थाना अंतर्गत पुरवा का रहने वाला राम किशोर उर्फ  सोनू पिता कामता त्रिपाठी 25 वर्ष है। जिसका  राइटहैंड अभिषेक मिश्रा पिता रजनीश मिश्रा 18 वर्ष निवासी विजयपुर थाना धारकूंडी हाल गली नबंर 7 थाना सिविल लाइन सतना जिले का रहने वाला है। अभिषेक मिश्रा ने ही सतना जिले के बदमाशों की टोली तैयार की जिसमें राहुल उर्फ करन चौरसिया पिता विष्णु चौरसिया 22 वर्ष निवासी शेरगंज कहार मोहल्ला जैतवारा जिला सतना, राज किशोर केवट उर्फ राहुल पिता राम सुजान केवट 18 वर्ष निवासी खमरिया थाना जैतवारा जिला सतना, शौर्या उर्फ भोंदू त्रिपाठी पिता राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी 19 वर्ष निवासी भटवा थाना जसो जिला सतना एंव करण यादव पिता भुल्ली यादव 28 वर्ष निवासी हाटी कूची थाना सिविल लाइन जिला सतना शामिल रहे। जिनको पुलिस ने सतना जिले में जाकर धर दबोचा। 


वारदात कर लौट जाते थे सतना, पुलिस पीटती रहती थी लकीर

आरोपी इतने शातिर थे कि वारदात को अंजाम देकर     फौरन ही सतना भाग जाते थे। पुलिस को जब खबर लगती तो शहर में नाकेबंदी वाहन चेकिंग कर घटना स्थल की लकीर पीटती ही रह जाती थी। 25 दिसबंर को गिरोह के सदस्यों ने सिरमौर चौराहे से चैन स्नेचिंग को अंजाम दिया। वहीं से उन पर काल मंडराने लगा। घटना की जानकारी लगते ही एसपी सहित पुलिस अमला मौके पर जा पहुंचा और वहां से बदमाशों को पीछा शुरु हो गया जिसे एसपी ने अंजाम तक पहुंचा दिया।


चोरी की बाइक से करते थे वारदात, चिन्हित कर रखा था लूट का इलाका

वारदात को अंजाम देने के लिए गिरोह चोरी की बाइक का इस्तेमाल करते थे। इस बात का खुलासा तब हुआ जब गिरोह के सदस्य पकड़े गये और वारदात में प्रयुक्त चार बाइकें बरामद हुई। पुलिस ने बताया कि गिरोह सिविल लाइन, विवि, समान एवं अमहिया थाना के रहायशी क्षेत्र बजरंग नगर, इंदिरा नगर, नेहरूनगर, गुलाब नगर, शिप्पी उपवन एवं अनंतपुर में वारदात को अंजाम देते थे। अमहिया थाना क्षेत्र के सिरमौर चौराहा स्थित पोस्ट आफिस के पीछे वारदात को अंजाम देना गिरोह को मंहगा पड़ गया। यहीं से पुलिस ने पीछा किया और गिरोह को सलाखों के मुहाने पर खड़ा कर दिये।


फोटो वायरल होने पर नहीं चेता गिरोह, अमहिया में आकर फंसा

पुलिस चैन स्नेचिंग करने वालों का सुराग लगा रही थी। पुलिस द्वारा लगाये गये सीसीटीवी कैमरे तो मोतियाबिंद रोग के शिकार हो गये। लेकिन आम नागरिकों के घरों पर लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए वरदान साबित हुये। 15 दिन पहले ही पुलिस ने चैन स्नेचिंग करने वालों की तस्वीरें वायरल कर सूचना दिये जाने की अपील आमलोगों से की थी जो कारगर साबित हुई। इस बात की जानकारी गिरोह तक नहीं पहुंची और 25 दिसंबर को अमहिया थाना क्षेत्र में वारदात को अंजाम दे डाला और पुलिस द्वारा बिछाये गये जाल में गिरोह जा फंसा।


बम प्लांट के बाद चैन स्चेचिंग गिरोह को एसपी ने मानी थी चुनौती

एक समय था कि रीवा जिले में दहशत का माहौल था। कब कहां बम ब्लास्ट हो जाये कहा नहीं जा सकता था। जिसकी खोज के लिए रीवा की पुलिस के साथ ही यूपी पुलिस यहां तक की आईबी टीम लगी हुई थी लेकिन किसी के हाथ कोई सुराग नहीं लग रहा था। एसपी नवनीत  भसीन ने इसे चैलेंज के रूप में स्वीकार किया और साइबर टीम सहित यूपी सीमा से सटे थानों की पुलिस टीम लगा दी। परिणाम यह निकल कर सामने आया कि आईबी और यूपी पुलिस बम प्लांट करने वालों को खोजती ही रह गई और एसपी की टीम यूपी से बम प्लांट करने वालों की तलास कर रीवा घसीट लाई। चार माह से रीवा में चैन स्नेचिंग की हो रही लगातार घटनाओं को भी एसपी ने चैलेंज के रूप में लिया और समूचा गिरोह ही सतना जिले से पकड़ कर रीवा घसीट लाये।


एएसपी, सीएसपी से लेकर सिपाहियों की भूमिका रही सराहनीय

गिरोह की शिनाख्त करना और उनको सलाखों के करीब पहुंचाने में एसपी के साथ एएसपी अनिल सोनकर एंव शहर एसपी शिवाली चतुर्वेदी के साथ ही थाना प्रभारी सिविल लाइन हितेंद्रनाथ शर्मा, विवि थाना प्रभारी विद्यावारिद तिवारी, समान थाना प्रभारी सुनील गुप्ता एवं अमहिया थाना प्रभारी दीपक तिवारी की अहम भूमिका रही है। इनके साथ ही महत्वपूर्ण भूमिका साइबर टीम के निरीक्षक वीरेंद्र पटेल एंव उप निरीक्षक गौरव मिश्रा की रही है। जिनका साथ उप निरीक्षक संग्राम सिंह, एएसआई प्रदीप कुमार, प्रआ. मनीष सिंह, केके नामदेव, शिवाजीत हफीज आरक्षक दीपक पांडेय, शरद सिंह, प्यूस मिश्रा, अरूण चौबे एवं नगर सैनिक पारसनाथ ने दी। जो चार अलग-अलग टीम में बंट कर सतना जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में दबिस देकर गिरोह के सदस्यों को धर दबोचा। 


एसपी का खुलासा रहा अधूरा!

यदि यह कहा जाये कि चैन स्नेचिंग में एसपी का खुलासा अधूरा रह गया तो शायद गलत न होगा। या यह भी कहा जा सकता है कि एसपी ने जल्दबाजी में खुलासा कर दिया। गिरोह के सरगना सहित छ सदस्यी दल तो पकड़ा गया। वारदात में प्रयुक्त चोरी की बाइकें भी बरामद हुई। गिरोह ने समान थाना क्षेत्र में 8, विवि थाना क्षेत्र में 5, सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 1 एंव अमहिया थाना क्षेत्र में 1 लूट की वारदात को अभी तक में स्वीकार की। लेकिन लूटा हुआ माल एसपी की टीम ने अभी तक बरामद नहीं किया। जिससे यह लगता है कि चैन स्नेचिंग गिरोह के पकड़े जाने का खुलासा कहीं न कहीं अधूरा है। 

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