लाहौर से जम्मू तक आये पैदल
बात कर रहे हैं सिंगर पलाश सेन की, जो अपनी मां के बेहद करीब हैं उनकी मां एक बेहद सशक्त और स्ट्रॉन्ग पर्सनेलिटी हैं। भारत और पाकिस्तान विभाजन के दौरान लाहौर से जम्मू तक वो पैदल ही बच्चों के आईं थी, साथ में उनका 4 साल का छोटा भाई और वो स्वयं, जब उनकी उम्र महज 8 साल थी। पलाश कम उम्र में ही अकेले रहकर पढ़ाई की और एमबीबीएस कंप्लीट किया। पलाश ने पिता की मौत के बाद मां का मंगलसूत्र खुद पहनना शुरू कर दिया।
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आशीर्वाद समझकर पहना
पिता की मृत्यु के बाद जब पलाश की मां ने मंगल सूत्र को उतार दिया तो उसे आशीर्वाद समझकर पलाश पहनने लगे। वो स्टेज पर भी परफार्म करते वक्त उसे पहने रहते, जिससे हमेशा उनका आशीर्वाद होने का अहसास होता।
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