मंहगी शराब बेचना पड़ा मंहगा, ठेकेदार के गले में पड़ा कलेक्टर का फंदा

Wednesday, 4 January 2023

/ by BM Dwivedi


मध्यप्रदेश के रीवा जिले के तराई अंचल में ठेकेदार आशीष जायवाल को मंहगी शराब बेचना मंहगा पड़ गया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक कार्यक्रम का कवरेज करने समाचार पत्र के एक पत्रकार तराई अंचल गये थे। देखा तो जवा समूह अंतर्गत गढ़ी स्थित शराब दुकान में सेल्स मैन द्वारा देशी एवं विदेशी शराब को एमएसपी की दर से ज्यादा कीमत पर बेची जा रही थी। जिसे पत्रकार द्वारा अपने मोबाइल में कैद कर लिया गया। सेल्समैन ने बताया कि मंहगी शराब की बिक्री किये जाने के लिए ठेकेदार ने निर्देश दिये हैं। सुरा प्रेमियों के साथ हो रही लूट का समाचार पत्र में प्रकाशन किया गया। जिसे कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुये  ठेकेदार पर कार्रवाई करने के लिए जिला आबकारी कार्यालय को निर्देशित किया। कलेक्टर मनोज पुष्प का फरमान पाते ही आबकारी अमला हिल गया। आनन-फानन सर्किल प्रभारी चाकघाट आशीष शुक्ला मय दलबल के साथ तराई अंचल की ओर कूच कर गये।

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कलेक्टर के आदेश पर निभाई औपचारिकता

बताते चले कि शराब ठेकेदार आशीष जायसवाल तराई अंचल में जवा समूह की दुकानों का लाईसेंसी है। जिसके प्रत्येक दुकानों में देशी एवं विदेशी शराब एमआरपी की दर से ज्यादा कीमत पर बेची जाती है। इस बात का खुलासा गढ़ी स्थित शराब दुकान से हो चुका है। वहीं दूसरी ओर विभागीय सूत्र बताते हैं कि शराब ठेकेदार आशीष जायसवाल की सभी लाईसेंसी दुकानों में मंहगी शराब बेच कर सुराप्रेमियों को लूटा जा रहा है। लेकिन कलेक्टर के आदेश पर सर्किल प्रभारी ने जवा समूह के  केवल एक ही दुकान चंदपुर का निरीक्षण कर मंहगी शराब बेचे जाने का प्रकरण पंजीबद्ध कर अपनी औपचारिकताएं पूरी कर लौट आये। जो तराई अंचल में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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जबाब देने से कतराते रहे सर्किल प्रभारी, भैय्या आखिर कौन?

आबकारी विभाग में जिले को सर्किलों के रूप में विभाजित किया गया है। और प्रत्येक सर्किल के प्रभारी तैनात किये गये है। जिनकी अपने सर्किल के प्रति जवाबदेही होती है। इस संबंध में जब चाकघाट सर्किल प्रभारी आशीष शुक्ला से जानकारी चाही गई तो वह जबाब देने से कतराते रहे। कभी कहे कि भैय्या से पूछो तो कभी कहे कि साहब से पूछो। यहां अगूढ़ सवाल तो यह उठता  है कि जिला आबकारी कार्यालय में आखिर भैय्या कौन है? यह तो शोध का विषय है जिनकी इजाजत के बिना कोई भी सर्किल प्रभारी अपना मुंह नहीं खोल सकता है। 

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