रीवा. ललितपुर से सिंगरौली तक बिछने वाली रेलवे लाइन में गुढ़ विधानसभा क्षेत्र के कई किसानों ने अपनी पैतृक जमींन खो दी। सरकार के इस आश्वासन पर कि घर के एक सदस्य को नौकरी और जमीन का मुआवजा दिया जायेगा। रेलवे लाइन बिछ गई, गोविंदगढ़ में रेलवे स्टेशन का निर्माण भी पूर्णतया हो गया। बस किसी भाजपाई मंत्री के द्वारा शुभारंभ करने की देर है। लेकिन इस विकास की गंगा में गुढ़ विधानसभा के छोटे गरीब किसान डूब गये। न तो उनको मुआवजा मिला और न ही भाजपा सरकार में नौकरी। आवेदन पर आवेदन देते चले गये, सांसद, विधायक और कलेक्टर की चौखट पर आते-आते उनकी चप्पले घिंस गई। परंतु उनको न ही मुआवजा मिला और न ही नौकरी। आखिरकार पीडि़त किसानों ने गुढ़ विधानसभा के युवा नेता कपिध्वज सिंह का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार के दिन कांग्रेस के युवा नेता कपिध्वज सिंह पीडि़त किसानों की टोली लेकर कलेक्टर के पास जा पहुंचे। और ज्ञापन देते हुये चेताया कि यदि इन किसानों को नौकरी और मुआवजा नहीं मिला तो मुझे पीडि़त किसानों को हक दिलाने के लिए सड़क में उतरना पड़ेगा। जिस समय कांग्रेस के युवानेता कपिध्वज सिंह कलेक्टर से किसानों की पीड़ा बता रहे थे उसी समय पीडि़त किसान सुग्रीव ने कहा कि गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन से उद्धाघन के समय ट्रेन को किसानों की लाशों से गुजरना होगा।
भाजपा विधायक गुढ़ को लिया आड़े हाथों
गुढ़ विधानसभा के युवा कांग्रेसी नेता कपिध्वज सिंह ने भाजपा के गुढ विधायक को आड़े हाथों लिया है। उन्होने कहा कि गुढ़ विधायक को अपने विधानसभा की जनता से कोई भावानात्मक लगाव नहीं है। यदि ऐसा होता तो पांच साल से गुढ़ विधानसभा के पीडि़त किसान मुआवजा और नौकरी पाने के लिए दर-दर न भटकते। कांग्रेस के युवा नेता कपिध्वज सिंह ने बताया कि रेलवे विभाग द्वारा आधे लोगों को तो नौकरी और मुआवजा दिया गया। लेकिन जो वास्तविक हकदार है जो छोटे कास्तकार थे रेलवे विभाग ने उनकी जमींन तो ले ली परंतु उनको न तो मुआवजा ही मिला और न ही नौकरी मिली।
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