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सेनि. नागेश्वर बाबू को एसडीएम कार्यालय से मोह
अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि एसडीएम कार्यालय में पदस्थ रीडर नागेश्वर एक वर्ष पूर्व सेवा निवृत हो चुके हैं। लेकिन उनका दखल आज भी एसडीएम कार्यालय में रहता है। एसडीएम कार्यालय मऊगंज में रीडर की कुर्सी पर बैठ कर पक्षकारों का जमकर खून चूसा जो आज भी उनके मुंह लगा हुआ है। अधिवक्ता श्री तिवारी ने बताया कि एसडीएम द्वारा प्रकरणों में लिये गये निर्णयों को सेनि. बाबू नागेश्वर ही अपने शब्दों में लिखते हैं।
लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद भी नहीं खौफ
गौरतलब है कि एसडीएम कार्यालय मऊगंज में पदस्थ बाबू केशरी प्रसाद साकेत को लोकायुक्त ने कार्यालय के अंदर ही एक हजार रूपये की घंूस लेते हुये पकड़ा था। मजे की बात तो यह थी कि घंूसखोर केशरी प्रसाद साकेत मूलत: जल संसाधन विभाग में सहायक मानचित्रकार के पद पर है। परंतु प्रतिनियुक्ति पर वह अपनी सेवायें एसडीएम कार्यालय मऊगंज में दे रहा था। जो नईगढ़ी तहसील क्षेत्र के ग्राम मदना निवासी रामचरित केवट की नहर में फंसी भूमि पर मुआवजा दिलाये जाने के लिए घूंस लेते हुये लोकायुक्त के हाथों पकड़ा गया था। आश्चर्य की बात यह है कि जिस लोकायुक्त का नाम सुनकर अच्छे-अच्छे घूंसखोरों की रूह कांप जाती है उस लोकायुक्त के कदम मऊगंज एसडीएम कार्यालय मेें पड़ चुके है। उसके वावजूद भी एसडीएम कार्यालय में लोकायुक्त का खौफ नहीं रहा। जो जैसा पा रहा पक्षकारों का खून चूसने में लगा हुआ है।
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