केन्द्रीय जेल रीवा की छवि धूमिल करने का कर रहा प्रयास
रीवा. त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में दहशत फैलाने वाले रासुका के आरोपी सेनि. कमांडो अरुण गौतम के विरुद्ध जेल अधीक्षक सतीश कुमार उपाध्याय ने अमहिया थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाई। बताया कि रासुक सहित दर्जनों अपराधिक मामले में बंद अरुण गौतम जेल से छूटने के बाद मीडिया के माध्यम से केंद्रीय जेल रीवा की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहा है। उक्त जानकारी जेल सूत्रों से अवगत हुई। जेल सूत्रों ने बताया कि पांच माह पूर्व अरुण गौतम दर्जनो अपराधिक मामलों के साथ ही रासुका के आरोप में जेल आया हुआ था। जैसा की जेल के बाहर त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के शासकीय अधिकारियों पर अपनी धौंस दिखा कर मनमानी करता है वैसा ही प्रयास जेल में किया। लेकिन जेल की गाइड लाइन की वजह से उसकी एक भी नहीं चली। वह जेल के अंदर व्हीआईपी नेताओं की तरह जेल काटने के लिए दबाव बना रहा था। अलग से रूम और नौकर-चाकर के साथ ही उससे मिलने आने वालों को विशेष इंतजाम की मांग जेल प्रशासन से करता रहा। लेकिन जेल प्रशासन की नजर में वह एक मुलजिम था वह भी रासुका जैसे आरोप उस पर लगे थे। उसे जेल नियम के अनुसार ही बंदियों के बार्ड में रखा गया और लाइन में लग कर अन्य बंदियों की भांति खाना लेता था। जो उसे नागवार गुजर रहा था।गाइड लाइन के अनुसार दिया जाता है नाश्ता व खाना
जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने शनिवार को पत्रकारों से रूबरू होते हुये बताया कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार जेल में बंदियों को बेहतर खाना और समय पर नाश्ता चाय दिया जाता है। जेल का निरीक्षण करने मजिस्टेट सहित अन्य अधिकारी समय-समय पर आते है और सभी बंदियों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं से अवगत होते है। यदि ऐसा होता तो बंदी मजिस्टेट एवं प्रशासनिक अधिकारी से शिकायत करते। रासुका सहित दर्जनों अपराध का आरोपी अरुण गौतम पांच महीने जेल में रहा। हर महीने में तीन से चार बार जेल का निरीक्षण होता है यदि ऐसा था तो निरीक्षण के दौरान अरुण गौतम ने मजिस्टेट या प्रशासनिक अधिकारियों से जेल की समस्याओं अवगत क्यों नहीं कराया। जेल अधीक्षक ने एसपी के माध्यम से अमहिया थाना की पुलिस को पत्र लिख कर रासुका के आरोपी सहित अन्य जो जेल की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है उनके विरुद्ध कठोर अनुशासत्मक कार्रवाही किये जाने की मांग की है।
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