मध्य प्रदेश के मुरैना में परीक्षा से 10 मिनट पहले 10वीं कक्षा का विज्ञान का पेपर वॉट्सऐप ग्रुप पर वायरल (Science paper viral on WhatsApp group) करने के आरोप में एक सरकारी स्कूल के पांच शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रदेश में शिक्षकों के खिलाफ यह दूसरी एफआईआर है। इससे पहले शनिवार को भोपाल में 12वीं कक्षा का केमिस्ट्री का प्रश्नपत्र बांटने पर चार शिक्षकों पर दर्ज किया गया है। बताया गया है कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर जौरा पुलिस ने पांच शिक्षकों पर मामला दर्ज किया है।
रंगे हाथों पकड़ा, बुलाई पुलिस
बताया गया है कि कि मुरैना में मुख्य आरोपी शिक्षक राकेश रावत ने प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर अन्य शिक्षकों को भेज दी थी, जिन्होंने इसे कोचिंग सेंटरों को उपलब्ध करा दिया। जौरा स्थित सेंट्रल एकेडमी परीक्षा केंद्र में प्रश्रपत्र लीक हुआ था। कलेक्टर के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। परीक्षा शुरू होने से दस मिनट पहले, 8.50 मिनट पर पेपर का फोटो क्लिक किया था। पेपर लीक होने की जानकारी होने पर कलेक्टर अंकित अस्थाना ने शिक्षा अधिकारी के साथ तुरंत जौरा स्थित सेंट्रल एकेडमी स्कूल पहुंचे और वहां मौजूद सभी शिक्षकों के मोबाइल चेक किए। मोबाइल की जांच में स्कूल के निदेशक के साथ शिक्षक राकेश रावत के मोबाइल में पेपर पाया गया। जिसे वॉट्सऐप के माध्यम से अन्य लोगों को भेजा गया था। इसके बाद कलेक्टर ने पुलिस बुलाई और पांच शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
विधानसभा में हुआ हंगामा
वहीं दूसरी ओर कथित पेपर लीक ममाले में विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा में खूब हंगामा किया। जिस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि पेपर लीक का बोर्ड परीक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि परीक्षा के दौरान ही पेपर का सर्कुलेशन हो गया था।
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