वीरेंद्र सिंह सेंगर 'बबली'
रीवा .जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन के निर्देशन पर आबकारी अमला अपने-अपने सर्किलों में कच्ची शराब बनाने वालों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। सोमवार को जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन के आदेश पर मऊगंज सर्किल प्रभारी मनोज कुमार बेलवंशी अपनी टीम लेकर मऊगंज सर्किल के पथरोही गांव में दबिस दी। मजा तो तब आया जब पकड़े गये सभी नशे के सौदागरों से आबकारी अमले ने उनके यहां से बरामद लाहन को उनके ही द्वारा नष्ट करवाया। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के घरों से लगभग 650 क्विटंल लाहन बरामद हुआ जो वही खोदे गये नाले में गिरवा कर नष्ट करवा दिया। जिला आबकारी अधिकारी श्री जैन ने बताया कि उनकी टीम ने पथरोही निवासी त्रिवेणी साकेत, रानी साकेत, खिलाड़ी साकेत, कलावती साकेत एवं छतेनी निवासी शंभू केवट, राजकली केवट और कठार निवासी अयोध्या साकेत के विरुद्ध आबकारी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। टीम में सर्किल प्रभारी के साथ प्रधान आरक्षक वीरेंद्र सिंह परिहार, आरक्षक विद्या सिंह सहित अन्य लोग शामिल रहे।
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शराब दुकान बचाने की जुगत में ठेकेदार, एक-दूसरे से मिला रहे हाथ
साल भर एक-दूसरे को दुश्मन की भांति देखने वाले ठेकेदारों का इस समय नजरिया बदल गया। कभी पड़ोसी रहे दुश्मन भी आज भाई नजर आने लगे है। साल भर की दुश्मनी भूल कर आज हाथ मिलाकर व्यापार करने की बातें कर रहे। बताते चले कि शासन की आबकारी नीति के अनुसार जिले की दुकानों को रिन्यूअल कराये जाने के लिए 70 प्रतिशत अनिवार्य है। रिन्यूअल का समय निकल गया ठेकेदारों ने अपने-अपने फायदे की दुकानों के लाईसेंस रिन्यूअल के लिए आवेदन कर दिये। लेकिन शासन के नियमानुसार जिला 61 प्रतिशत रिन्यूअल में जा अटका। अब अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए ठेकेदार 9 प्रतिशत रिन्यूअल होने की जुगत लगा रहे। सूत्र बताते हैं कि मां लक्ष्मी शराब कंपनी अपने समीपी मनगवां शराब दुकान समूह को हासिल करने के लिए घनश्याम ग्रुप से हाथ मिला रही है। साथ ही उसकी नजर शहर के इटौरा शराब दुकान में लगी हुई है। वहीं सेमरिया शराब दुकान में शामिल शराब कारोबारी इटौरा स्थित अपनी जमीन का लाभ उठाने के लिए इटौरा शराब दुकान समूह पर नजर लगाये हुये है। सूत्र बताते है कि झिरिया शराब दुकान समूह से संदीप सिंह के पार्टनर रहे तराई अंचल के सफेदपोश शराब कारोबारी राजमणि मांझी और रक्के अलग गुट बना कर ऑन लाइन लॉटरी प्रक्रिया में पीटीएस शराब दुकान समूह में अपनी किस्मत अजमायेंगे। सूत्र की बातों में कितना दम है यह तो अब आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन शराब कारोबारियों के बीच उपरोक्त बातों को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
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