वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
रीवा. तालाब की बड़ी मच्छली द्वारा छोटी मच्छलियों को निगलने की कहावत तो सभी सुनी है। राजनीति में भी कुछ ऐसा ही होता है। राजनीति के मठाधीश उभरते हुये नेताओं का इस्तेमाल तब तक करते हंै जब तक कि उनका स्वार्थ होता है। जहां स्वार्थ नहीं दिखाई देता वहीं युवा नेताओं को कुचलने का प्रयास शुरु हो जाता है। रीवा की राजनीति में इन दिनों पक्ष-विपक्ष में जो देखने को मिल रहा है वो वायरल तस्वीरें बयां करती है कि पक्ष-विपक्ष एक ही डाल के पंक्षी है जो बंद दरवाजे के अंदर गुप्तगूं करते हंै और बाहर जनता के बीच एक-दूसरे के विरूद्ध आग उगल कर मतदाओं के बीच मतभेद पैदा करते हैं। हाल ही में एक नया मुद्दा सामने निकल कर आ गया है जो कांग्रेस के युवा नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म किये जाने एवं संविधान को बचाने के लिए एनएसयूआई द्वारा प्रधानमंत्री के रीवा कार्यक्रम में विशाल रैली के माध्यम से बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति और संविधान की पुस्तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे जाने की योजना थी। जिसे रीवा कांग्रेस के ही कुछ बड़े पदाधिकारियों द्वारा रोके जाने के लिए एनएसयूआई पर दबाव बनाया जा रहा है। इस बात को लेकर एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के सिपाही वरिष्ठ नेताओं के फरमान को लेकर एक ओर जहां चिंतित है वहीं दूसरी ओर अपने द्वारा किये गये घोषणा पर मंथन भी कर रहे।
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अंबेडकर जंयती में की थी घोषणा
14 अपै्रल को देश जब अंबेडकर जयंती मना रहा था। तब रीवा कांग्रेस के युवा सिपाही संविधान को लेकर चिंता जाहिर कर रहे थे। पत्रकारवार्ता में कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब उन्होंने ने संविधान के रक्षा करने की कसमें खाई। लेकिन आज संविधान ही खतरे में पड़ गया। लोकतंत्र खतरे में पड़ गया। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी। एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने पत्रकारों से रूबरू हो कर बताया कि 24 अपै्रल के दिन रीवा आगमन के दौरान एनएसयूआई और युवा कांग्रेस मिलकर देश के प्रधानमंत्री को बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति के साथ ही संविधान की किबात भेंट कर उनको लोकतंत्र बचाने एंव संविधान की खाई गई शपथ की याद दिलायेंगे। पत्रकारवार्ता में यूथ कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष आलोक सिंह चंदेल, एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष रवि सुमित सिंह सहित नीरज यादव, शाहिद पठानियां, अर्पित सिंह परिहार सहित अन्य लोग मौजूद रहे। जो आज इस बात को लेकर आपस में मंथन कर रहे पार्टी के जिले के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति एंव संविधान की पुस्तक देने पर क्यों रोक लगा दी।
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