कर्नाटक के मैसूर (Mysore in Karnataka) के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए, मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी और अब माँ के साथ एक तीर्थयात्री बन गए। सॉफ्टवेयर इंजीनियर दक्षिणामूर्ति कृष्णकुमार (Software Engineer Dakshinamurthy Krishnakumar) अब स्कूटर पर अपनी मां को देश के उन सभी तीर्थों के दर्शन करा रहा है, जिन्हें उनकी मां देखना चाहती थीं। कृष्णकुमार ने इस यात्रा की शुरुआत 2018 में शुरू हुई थी। हालांकि कोविड आने के कारण 2020 के दौरान उन्होंने कुछ समय के लिए अपनी यात्रा को ब्रेक दिया था। कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा (Diploma in Computer Science) कर चुके कृष्णकुमार देश के अलावा नेपाल भूटान और म्यांमार जैसे देशों की यात्रा भी अपनी मां को करा चुके हैं।
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मां की इच्छाओं को पूरा करने नौकरी से इस्तीफा
दक्षिणामूर्ति ने अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और 16 जनवरी 2018 के बाद से अपने पिता के पुराने बजाज चेतक स्कूटर पर भारत के पवित्र स्थानों की यात्रा पर माँ के साथ निकल पड़े। मां ने एक बार दक्षिणामूर्ति को बताया कि वे तो अपने घर के पास के मंदिर भी नहीं गई। तब से उन्होंने ठाना कि वे माँ को भारत के सभी मंदिरों के दर्शन कराएंगे। मां को पूछा तो पहले वह इंकार करती रही लेकिन बाद में बेटे की जिद और उसके प्रेम भाव देखकर हाँ कह दिया और वह स्कूटर पर बैठकर भारत दर्शन करने के लिए राजी हुई।
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66 हजार किलोमीटर की कर चुके हैं यात्रा
दक्षिणामूर्ति अब तक करीब 66 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। जिसमे उन्होंने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, कोलकाता, अरुणाचल प्रदेश और नेपाल, भूटान और म्यांमार की यात्रायें शामिल हैं। दक्षिणामूर्ति के मुताबिक वे इस यात्रा को तब तक जारी रखेंगे जब तक उनके पास ताकत है और जब तक भगवान उन्हें मौका देते हैं।
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