मध्य प्रदेश में चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (mukhyamantree saamoohik vivaah yojana) एक बार फिर विवादों से घिर गई है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शनिवार को डिंडौरी जिले में गरीब परिवार की 219 कन्याओं की शादी की जानी थी, लेकिन मेडिकल चेक-अप (medical check-up) में 5 लड़कियों की प्रेगनेन्सी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई, जिसके बाद उनकी शादी रुक गई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से पहले मेडिकल जांच (medical check-up) को लेकर अब सियासत गरमा रही है। सामूहिक विवाह का आयोजन डिंडौरी जिले के गड़सराय में किया गया था।
Also Read:PM Modi @ Rewa: पंचायतीराज कार्यक्रम में मिलेंगी जिले को कई सौगातें, जानिए आयोजन से जुडी हर जानकारी, जो है आपके लिए जरुरी
लड़कियों का किया गया अपमान
बताया जा रहा है कि जिन 5 लड़कियों का प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test) पॉजिटिव आया था, उनमें से एक ने शादी से पहले ही अपने मंगेतर के साथ रहने लगी थी। लड़की ने बताया ,''प्रेग्नेंसी टेस्ट (pregnancy test) पॉजिटिव आने पर उसका नाम शादी होने वाली लड़कियों की फाइनल लिस्ट से हटा दिया गया।" वहीँ इस मामले पर बछड़गांव गांव की सरपंच मेदानी मरावी ने कहा कि पहले कभी इस तरह के प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test) नहीं किए गए थे। ऐसा करके लड़कियों का अपमान किया गया है है और इससे वो अब अपने परिवार और समाज के बीच बदनाम हुई हैं। बता दें, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह/ निकाह योजना का संचालन साल 2006 से किया जा रहा है। जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लड़कियों को 56 हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है।
Also Read: मुख्यमंत्री की लाड़ली बहना बैठी धरने पर, न्याय के लिए दर-दर भटकने के बाद अब CM शिवराज से आस
उच्च अधिकारियों के कहने पर संदिग्ध लड़कियों का किया टेस्ट
मामले में डिंडौरी के मुख्य चिकित्साधिकारी ने स्पष्टीकरण और स्वास्थ्य विभाग का पक्ष रखते हुए कहा कि आम तौर पर, आयु सत्यापन, सिकल सेल एनीमिया और शारीरिक फिटनेस का पता लगाने के लिए जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि, "उच्च अधिकारियों के कहने पर संदिग्ध लड़कियों का गर्भावस्था परीक्षण (pregnancy test) किया गया। उन्होंने बताया कि, "हम केवल परीक्षण करते हैं और निष्कर्षों की रिपोर्ट करते हैं। लड़कियों को सामूहिक विवाह योजना से बाहर करने का निर्णय स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लिया जाता है।"
Also Read: भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था फिर भी प्रति व्यक्ति आय के मामले दुनिया के कई गरीब मुल्कों से भी पीछे
कमलनाथ ने ट्वीट कर की निंदा
वहीँ लड़कियों का कराया गया गर्भावस्था परीक्षण (pregnancy test) राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस ने सामूहिक विवाह योजना और लोकल प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने गर्भावस्था परीक्षण (pregnancy test) को लड़कियों का अपमान बताया है। प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा," शिवराज सरकार में सामूहिक विवाह योजना (mukhyamantree saamoohik vivaah yojana) के नाम पर लड़कियों का प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test) कराया जा रहा है। इससे बड़ा अपमान कुछ नहीं हो सकता। लोकल प्रशासन और हाई कमान अधिकारियों के कहने पर ऐसे टेस्ट कराए गए, ये केवल उन लड़कियों का ही नहीं महिलाओं के प्रति दूषित मानसिकता (dirty mind) का परिणाम है। यह केवल लड़कियों की नहीं, आधी आबादी का अपमान है।"
No comments
Post a Comment