वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के लोगो के लिए सौरभ कुशवाहा का नाम अनजान जरुर हो सकता है। लेकिन देश में पर्वतारोही के नाम से इनकी ख्याति चलती है। आज के दौर पर रीवा जिले के गढ़ अंर्तगत लोरी नबंर 1 निवासी सौरभ कुशवाहा के पिता श्री तीरथ प्रसाद कुशवाहा और माता श्रीमती सविता कुशवाहा के एकलौते पुत्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही के नाम से जाने जाते हैं। माता-पिता ने अपने एकलौते पुत्र को इस मुकाम तक गांव में मजदूरी करके पहुंचा। जिसमें जबलपुर के पूर्व कैबिनेट लखन घनघोरिया एवं जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर अन्नू सिंह का विशेष योगदान रहा है। सौरभ कुशवाहा ने 26 जनवरी 20 23 को साउथ अफ्रीका के सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर चढ़ कर तिरंगा लहराते हुये अपने गांव का ही नहीं बल्कि देश का भी मान बढ़ाया है। और वहीं से सौरभ कुशवाहा को अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही की पहचान मिल गई। सौरभ कुशवाहा का जन्म गढ़ के लौरी नबंर 1 गांव में हुआ और शिक्षा दीक्षा जबलपुर से मिली। और जबलपुर स्थित अटल बिहारी बाजपेयी इंस्टीट्यूट में पर्वतारोही का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। प्रशिक्षण के दौरान ही माउंट ट्रेनिंग एलाइट सपोर्ट हिमाचल प्रदेश मनाली में बेसिक माउंट ट्रेनी कोर्स किया। सौरभ बताते है कि प्रशिक्षण के दौरान वह 25 किलोमीटर की साईकिलिंग, 10 किलोमीटर की दौड़ के साथ ही 25 किलो का वजन लेकर आस-पास के छोटे-छोटे पहाड़ों पर चढऩे की रोजाना प्रैक्टिस करते हैं।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के लोगो के लिए सौरभ कुशवाहा का नाम अनजान जरुर हो सकता है। लेकिन देश में पर्वतारोही के नाम से इनकी ख्याति चलती है। आज के दौर पर रीवा जिले के गढ़ अंर्तगत लोरी नबंर 1 निवासी सौरभ कुशवाहा के पिता श्री तीरथ प्रसाद कुशवाहा और माता श्रीमती सविता कुशवाहा के एकलौते पुत्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही के नाम से जाने जाते हैं। माता-पिता ने अपने एकलौते पुत्र को इस मुकाम तक गांव में मजदूरी करके पहुंचा। जिसमें जबलपुर के पूर्व कैबिनेट लखन घनघोरिया एवं जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर अन्नू सिंह का विशेष योगदान रहा है। सौरभ कुशवाहा ने 26 जनवरी 20 23 को साउथ अफ्रीका के सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर चढ़ कर तिरंगा लहराते हुये अपने गांव का ही नहीं बल्कि देश का भी मान बढ़ाया है। और वहीं से सौरभ कुशवाहा को अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही की पहचान मिल गई। सौरभ कुशवाहा का जन्म गढ़ के लौरी नबंर 1 गांव में हुआ और शिक्षा दीक्षा जबलपुर से मिली। और जबलपुर स्थित अटल बिहारी बाजपेयी इंस्टीट्यूट में पर्वतारोही का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। प्रशिक्षण के दौरान ही माउंट ट्रेनिंग एलाइट सपोर्ट हिमाचल प्रदेश मनाली में बेसिक माउंट ट्रेनी कोर्स किया। सौरभ बताते है कि प्रशिक्षण के दौरान वह 25 किलोमीटर की साईकिलिंग, 10 किलोमीटर की दौड़ के साथ ही 25 किलो का वजन लेकर आस-पास के छोटे-छोटे पहाड़ों पर चढऩे की रोजाना प्रैक्टिस करते हैं।
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साउथ अफ्रीका के बाद फतह करेंगे हिमालय की बफीर्ली पहाड़ियां
साउथ अफ्रीका के बाद फतह करेंगे हिमालय की बफीर्ली पहाड़ियां
गढ़ लौरी निवासी सौरभ कुशवाहा ने 26 जनवरी 22 को साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारों में अपने देश के 14 साथियों के साथ मिलकर तिरंगा लहराया था। अब उनका प्रयास हिमालय की 18500 फिट उंची बर्फीली पहाडिय़ों की चोटी पर तिरंगा लहराने के लिए प्रशिक्षण ले रहे है। इस प्रशिक्षण का शुभारंभ 29 जून से 26 जुलाई तक होगा। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही सौरभ कुशवाहा ने बताया कि इसके पूर्व वह 2022 प्रशिक्षण उपरांत 17500 फिट हिमालय की चोटी पर तिरंगा लहरा चुके हैं। उन्होंनें बताया कि मेहनत, मजदूरी करने के साथ ही शिक्षा पर ध्यान देते हुये 2018 से पर्वतारोहण दल से जुड़ कर देश का नाम रोशन करने पर लगा हुआ हूं।
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