रीवा। एडीजीपी के आदेश को उस समय बड़ा झटका लगा जब महिला की शिकायती पत्र पर उनके आदेश पर दर्ज हुए शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किये की एफआईआर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। और पूरे मामले को उच्च न्यायालय ने अपने संज्ञान में ले लिया। मा. न्यायमूर्ति ने पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर की विवेचना में रोक लगाते हुये दर्ज हुये अपराध पर स्थगत आदेश जारी कर दिया। मामला सीधी जिले से जुड़ा है जहां यातायात थाना में पदस्थ सूबेदार भागवत पांडेय एक जालसाज महिला के शिकार हो गये और जालसाज महिला की शिकायत पर एडीजीपी ने रीवा महिला थाना में सूबेदार भागवत पांडेय के विरुद्ध शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण किये जाने का अपराध जीरो में कायमी करवा दिये थे। महिला थाना में दर्ज एफआईआर को सूबेदार भागवत पांडेय ने हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया। जिस पर सुनवाई के उपरांत मा. न्यायाधीश ने दर्ज एफआईआर को आगामी आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। गौरतलब है कि सूबेदार भागवत पांडेय को जालसाज महिला ने कोरोना काल के दौरान अपने जाल में फांस कर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। जिसकी शिकायत सूबेदार सहित उनकी पत्नी ने सीधी जिले के सारे आला अधिकारियों से की थी। पुलिस विभाग का ऐसा कोई अधिकारी न रहा होगा जहां सूबेदार और उनकी पत्नी ने अपने मदद की गोहार न लगाई रही हो। लेकिन कोई भी आला अधिकारी न तो सूबेदार के साथ खड़ा हुआ और न ही उनकी पत्नी को राहत दी। वहीं दूसरी ओर जालसाज महिला धीरे-धीरे अपने हाथ सूबेदार सहित उनके पत्नी की गर्दन की ओर बढ़ाती रही।
उच्च न्यायालय से मिल रही राहत, विभाग नहीं दे रहा साथ
आश्चर्य की बात यह है कि पुलिस महकमें का एक अधिकारी हनीटै्रप का शिकार हो गया अपने मान-सम्मान एवं परिवार की सुरक्षा के लिए अपने ही अधिकारियों पास जाकर गोहार लगाई। जब विभाग ने साथ नहीं दिया तो सूबेदार परिवार सहित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया यह मामला दो साल पूर्व का है। हाईकोर्ट ने हनीट्रैप का शिकार हुये सूबेदार सहित उनके परिवार की सुरक्षा किये जाने के लिए पुलिस अधीक्षक सीधी को निर्देशित किया था। ताजुब की बात तो यह है कि हाईकोर्ट के निर्देश को भी पुलिस अधिकारियों ने नहीं माना। परिणाम यह निकला की जालसाज महिला सूबेदार पर हावी होती चली गई और एडीजीपी से मिल कर उनके विरुद्ध दुष्कर्म का अपराध दर्ज करवाने में कामयाब हो गई। तब जाकर एक बार फिर हनीट्रैप का शिकार हुये सूबेदार की पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बताते चले कि जालसाज महिला के संबंध में सूबेदार एवं उनकी पत्नी से अपने अधिकारियों के सामने सारे साक्ष्य रखते हुये बताया था कि आरोप लगाने वाली महिला जालसाज है। इसके पूर्व भी यूपी भदौही के भाजपा विधायक सहित 7 लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाई थी। बनारस यूपी में 15 लोगों पर छेड़छाड का आरोप लगाई थी। सबसे बड़ा साक्ष्य तो सूबेदार ने यह पेश किया कि उक्त महिला अलग-अलग लोगों के साथ अलग-अलग जन्म तिथि दर्शाते हुये पत्नी बनने के दस्तावेज बनवा रखी है। सूबेदार ने बताया कि जालसाज महिला ने उनको भी कूटरचित तरीके से दस्तावेज में अपना पती बता रही।
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