वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
रीवा। वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव की सरगरमी से तैयारी की जा रही है। एक ओर जहां रीवा के आठो विधानसभा में बैठे भाजपा विधायक अपने किले को बचाने भाग-दौड़ में लगे हुये है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित अन्य राजनैतिक दलों के नेता भाजपा के किले में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे है। विपक्ष मे कांग्रेस को मजबूत मानते हुये जनता का रूझान निकल कर सामने आ रहा है। लेकिन एक ही विधानसभा से कांग्रेस के कई दावेदार नजर आ रहे है। वैसे तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने स्पष्ट घोषणा कर रखी है कि कोई भी कांग्रेसी अपने को विधानसभा का स्व घोषित प्रत्याशी नही बतायेगा। प्रदेश अध्यक्ष के फरमान से दावेदारों की बोलती तो बंद है लेकिन चुनाव मैदान में आने की जोरदार तैयारी में जुटे हुये है। सिरमौर विधानसभा से कांग्रेस से तीन दावेदारों की आवाज निकल कर सामने आ रही है जो इस बात को लेकर ताल ठोंकते नजर आते है कि अब की बार सिरमौर से भाजपा का किला हम ढ़हायेंगे। उनके ताल में कितना दम है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। फिलहाल तीनो दावेदार लगातार जनता के बीच जा कर समर्थन जुटाने में लगे हुये है।
पिता की खोई विरासत को पाने में लगे रमेश
एक समय था जब सिरमौर विधानसभा में राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल का सिक्का चलता था। विधानसभा क्षेत्र की जनता ने राजमणि पटेल का चार बार विधायक चुना। इस दौरान वह मंत्री भी बनाये गये। मजे की बात यह है कि इस दौरान राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल अपने गांव बरौं में मुख्य मार्ग से अपने वार्ड तक का पहुंच मार्ग नहीं बनवा पाये। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में तो विकास की बात ही दूर रही। धीरे-धीरे सिरमौर विधानसभा की जनता ने उनसे दूरी बना ली जिससे उनकी विरासत छिन गई। आज उनकी खोई हुई विरासत को पाने के लिए पुत्र रमेश पटेल जो अपने पिता के राजनैतिक रथ हांकते रहे सिरमौर विधानसभा क्षेत्र की जनता से समर्थन जुटाने पर लगे हुये है। देखना यह है कि पार्टी यदि राजसभा सांसद राजमणि पटेल के पुत्र रमेश पटेल पर दांव खेलती है तो सिरमौर विधानसभा में भाजपा का किला धसा कर कांग्रेस का परचम लहरा पाते है या नहीं?जनपद अध्यक्ष के पति भी कर रहे जोर अजमाईश
सिरमौर विधानसभा में कांग्रेस से चुनाव मैदान में उतरने की दावेदारी सेवा निवृत डीएसपी वीके पांडेय भी कर रहे। बताते चले कि पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त होने के बाद वह अपने गांव जवा भुनगांव से राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की। अपनी धर्म पत्नी रन्नू देवी को जनपद सदस्य का चुनाव जिताते हुये जवा जनपद का अध्यक्ष बना दिया। मजे की बात तो यह है कि स्व. श्रीयुत के करीबी रहे रमाशंकर मिश्रा की बहू नीलम मिश्रा को उनकी पत्नी ने 9 वोट से पराजित कर जनपद अध्यक्ष की कुर्सी हासिल की। पत्नी को जनपद अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने के बाद सेनि. डीएसपी वीडी पांडेय सिरमौर विधानसभा से भाजपा को टक्कर देने की ठानी है। बताया जाता है कि क्षेत्र में लगातार वह दौड़ बनाये हुये है और जनता के दिलों को जीतने का प्रयास कर रहे।कांग्रेस से विधायक बनने का सपना होगा सच?
राजनीति के क्षेत्र में प्रदीप सिंह पटना का नाम अनजान नहीं है। ऊंचे ओहदे को हासिल करने की तमन्ना सभी की होती है तो फिर प्रदीप सिंह पटना को क्यों न हो? विधायक बनने का सपना देख प्रदीप सिंह पटना राजनीति के मैदान में आ उतरे। कभी बसपा से जोर अजमाईश की तो कभी सपा और भाजपा से सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। लेकिन विधायक का ताज सिर पर नहीं चढ़ा। इन दिनों कांग्रेस के पाले में है और सिरमौर विधानसभा में लगातार दौड़ बनाकर जन समर्थन जुटाने में लगे हुये है। आने वाला समय बतायेगा कि पार्टी प्रदीप सिंह पटना को चुनाव मैदान में उतार कर उनके सपने को सरोकार करने का प्रयास करेगी या फिर नहीं?
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