शराब कारोबारी के इशारे पर नकली शराब बनाने के कारखाने में दबिश, माननीयों की घनघना रही घंटी, एक गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

Sunday, 7 May 2023

/ by BM Dwivedi

वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली 
रीवा। सिरमौर बस्ती में आबकारी और पुलिस की हुई संयुक्त कार्रवाही में तस्करों के बीच भगदड़ मच गई। अपने-अपने माद से निकल कर सिर छुपाने के लिए जगह तलासने लगे। आबकारी और पुलिस टीम को नकली शराब बरामद करने के लिए शुरुआती दौर पर जद्दोजहद भी उठानी पड़ी। लेकिन जैसे ही अवैध शराब का जखीरा मिला तो तस्कर सहित उसका परिवार सरेंडर हो गया। यह मामला रविवार की अल सुबह लगभग 5 से 6 बजे के बीच का है। सिरमौर सर्किल प्रभारी सबनम बेगम और एसडीओपी सिरमौर नवीन तिवारी की अगुवाई में सिरमौर बस्ती के वार्ड क्रमांक 2 निवासी रामसुमिरन गुप्ता के घर में दबिस दी गई। सिरमौर शराब दुकान के शराब कारोबारी सतीश शुक्ला ने आबकारी और एसडीओपी सिरमौर को सूचना दी थी कि वार्ड क्रमांक 2 निवासी रत्नेश गुप्ता नकली शराब बनाये जाने का कारोबार करता है। जिसकी सूचना पर आबकारी और पुलिस ने संयुक्त दबिस दी। दबिस के दौरान आबकारी विभाग की टीम ने देशी विदेशी शराब के साथ ही शराब बनाये जाने का समान बरामद किया। जिसकी कीमत लगभग 55 हजार रूपये आंकी है। साथ ही नकली शराब बनाये जाने के आरोप में रत्नेश गुप्ता पिता राम सुमिरन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। जिसके विरुद्ध आबकारी विभाग ने आबकारी अधिनियम की धारा 34 (1) क एवं च तथा धारा 32 (2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। आबकारी अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अभी और भी आरोपी बनाये जायेंगे।

ठेकेदार से अदावत पड़ गई भारी

बताते चले कि नकली शराब बनाये जाने के पीछे मुख्य आरोपी स्वदीप सिंह गोलू का हाथ है। जो शराब ठेकेदारों के साथ पार्टनर बन कर उनकी पीठ पर छूरा घोंपता था। लंबे अर्से से उसका नकली शराब बनाये जाने का गोरखधंधा चल रहा था। बनाई गई नकली शराब सिरमौर शराब दुकान से लेकर रीवा के नामी-गिरामी तस्करों को सप्लाई करता था। वर्ष 2021-22 में यही गोलू सिंह सिरमौर शराब दुकान समूह में शराब कारोबारी सतीश शुक्ला का पार्टनर हुआ करता था। सतीश को इस बात की जब जानकारी लगी तो वह वर्ष 2023 में गोलू सिंह को शराब दुकान के पार्टनरशिप से अलग कर दिया। जिससे दोनो के बीच अदावत शुरू हो गई। एक ओर गोलू सिरमौर क्षेत्र के गांव-गांव पैकारों को जहरीली शराब परोस रहा था तो वहीं दूसरी और सतीश की पैकारी में लाखों रूपये का घाटा लग रहा था। अपना नुकसान देखते हुये शराब कारोबारी सतीश शुक्ला ने पुलिस और आबकारी विभाग के कंधे पर बंदूक रख विरोधी के जखीरे को नेस्तनाबूद कर एक मोहरे को सलाखों पीछे करवा दिया। 

देशी-विदेशी शराब के साथ मिले खाली बोतल और ढ़क्कन

सिरमौर सर्किल प्रभारी आबकारी उप निरीक्षक सबनम बेगम ने बताया कि घर में घुसते ही आरोपी रत्नेश गुप्ता सहित उसके माता-पिता तलासी लेने का विरोध करने लगे। किसी कदर आबकारी और पुलिस टीम घर के ऊपर जा पहुंची देखा तो वहां भारी मात्रा में देशी-विदेशी शराब और खाली बोतलों के साथ ढ़क्कन मिले। तब जाकर आरोपी सहित उसका परिवार चुप्पी साध लिया। तलासी के दौरान टीम को आरोपी के घर से 12 बोतल मैजिक मोमेंट, 17 बोतल मैकडाबल व्हिस्की नबंंर 1, 41 पाव रॉयल स्टैग, 103 पाव देशी मदिरा मसाला, 166 पाव देशी मदिरा प्लेन के साथ ही 16 हजार देशी एवं विदेशी शराब के ढ़क्कन बरामद हुये।  सर्किल प्रभारी ने बताया कि उक्त कार्रवाही में उनके साथ आबकारी विभाग से उप निरीक्षक अभिषेक त्रिपाठी, प्रधान आरक्षक वीरेंद्र सिंह परिहार, आरक्षक महेंद्र सिंह, उमाकांत तिवारी, प्रदीप सिंह चौहान एवं नगर सैनिक रहे। साथ ही एसडीओपी सिरमौर नवीन तिवारी के माध्यम से थाना प्रभारी सिरमौर तेजभान सिंह एवं पुलिस स्टाफ का सहयोग मिला। 

कररिया गांव में एसडीओपी ने डलवाई दबिश 

सूत्रों की माने में एक ओर जहां आबकारी और सिरमौर थाना की पुलिस रत्नेश गुप्ता के घर में तलासी लेने का काम कर रही थी। वहीं दूसरी ओर एसडीओपी सिरमौर नवीन तिवारी द्वारा पुलिस की दो अलग-अलग टीमें गठित कर जहरीली शराब बनाने वाले गिरोह से संबंधितो की तलास में दबिस दे रही थी। बताया जाता है कि कररिया गांव में भी एसडीओपी सिरमौर की टीम ने दबिस दी। वहां पुलिस के हाथ क्या लगा, क्या नहीं लगा इस बात की जानकारी खबर लिखने तक नहीं लगी।

माननीयों की घनघना रही घंटी

सूत्रोंं की मानें तो आबकारी अमले के हाथ लगा जहरीली शराब बनाने वाले आरोपी ने गोलू सिंह का नाम उगल दिया। इस बात की भनक जैसे ही गोलू सिंह को लगी तो वह अपने बचाव में क्षेत्रीय माननीयों की शरण में जा गिरा। सूत्र बताते है कि क्षेत्रीय माननीयों के मोबाइल की घंटी जिला आबकारी अधिकारी के मोबाइल से टकराने लगी। देखना यह है कि जिला आबकारी अधिकारी माननीयों के दबाव में आकर जहरीली शराब बनाने वाले सरगना को अभय दान देते हुये सुरा प्रेमियों को मौत के मुहाने पर खड़ा करते है या फिर मुख्य सरगना का पकड़ कर सुरा प्रेमियों की जान बचाने के साथ ही सिरमौर शराब दुकान के शराब ठेकेदार को मिल रहे लगातार घाटे से राहत दिलाते हैं।

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