वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा. वर्ष 23-24 के निष्पादन प्रक्रिया में बैंक गारंटी पर किया गया घोटाला उजागर होते ही जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन के कारनामें उजागर होने लगे। जिस जिले में अनिल जैन जिला आबकारी अधिकारी के पद रहे उस जिले के शराब ठेकेदार आज भी उनके नाम पर आंसू बहा रहे। मुस्कराहट के पीछे निजी स्वार्थ छुपा कर सिंगरौली, कटनी के शराब ठेकेदारों को बर्बाद कर रीवा के शराब ठेकेदारों को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। रीवा में जो खेल जिला आबकारी अधिकारी ने खेला वो किसी से छुपी नहीं रही। चंद दिनों में जिला आबकारी कार्यालय रीवा से ऐसी निकली की भोपाल तक के मीडिया की सुर्खियां बन गई। मजे की बात तो यह है कि हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी साथ लेकर डूबेंगे, ऐसा ही कुछ जिला आबकारी अधिकारी द्वारा उजागर हुआ कारनामा हुआ। जिसमें सिंगरौली, उमरिया, सतना जिले तक के जिला आबकारी अधिकारी सहित कई शराब ठेकेदार लपेटे में आ गये। यहां तक की सहकारी बैंक के मैनेजर पर भी तलवार लटक गई। लेकिन यहां हम बात इनके बीते हुये कार्यकाल की करते है, जो दागदार निकल कर सामने आये हैं। कटनी में जो गुल खिलाया उसकी बात तो आने वाले समय में कभी हो सकती है। लेकिन सिंगरौली में जो गुल खिलाया उसकी महक जाने का नाम नहीं ले रही।
दो करोड़ शराब का हो गया खेला, हो रही जांच, मैनेज हो रहे जांचकर्ता
सिंगरौली के शराब कारोबारी हरचरण सिंह भाठिया और अखंड दुबे का दो करोड़ रूपये कीमत की शराब को जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन से मालवा कंपनी के शराब ठेकेदार को दे दी। आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी रकम की शराब देने के पहले तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी सिंगरौली अनिल जैन ने न तो शराब ठेकेदार हरचरण सिंह भाठिया से इजाजत ली और न ही अखंड दुबे से। अब अपने शराब की कीमत शराब कारोबारी डीईओ श्री जैन से मांग रहे परंतु श्री जैन न तो रकम देने के लिए तैयार हैं और न ही मालवा कंपनी से दिलाने के लिए। पेंच डीईओ अनिल जैन और शराब कारोबारियों के बीच ऐसा फंसा कि मामला प्रमुख सचिव तक चला गया और उसमें जांच खड़ी हो गई। शराब कारोबारी हरचरण सिंह ने बताया कि जांचकर्ता विभागीय होने की वजह से डीईओ अनिल जैन मैनेज कर जांच का प्रभावित कर देते है। जिसमें जांच टीम के अध्यक्ष प्रमोद झा सहित एडीओ व्यास पर भी मैनेज होने का आरोप लगाया है। शराब कारोबारी हरचरण सिंह भाठिया ने बताया कि इस बार जांच कुछ अलग ही तरीके से हो रही। जिसमें एसी भोपाल हर्षवर्धन राय, डिप्टी कमिश्नर प्रमोद झा के साथ एडीओ सत्येंद्र सिंह परिहार शामिल हैं।
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न्यायालय तक जा सकता है दो करोड़ शराब का मामला
सिंगरौली के शराब कारोबारी हरचरण सिंह भाठिया ने बताया कि मामला न्यायालय तक हम ले जायेंगे। यदि आबकारी विभाग से न्याय न मिला और मेरी दुकान से उठा कर मालवा कंपनी को दिये गये शराब की कीमत न मिली तो न्यायायल का दरवाजा खटखटना पड़ेगा। इसके लिए आबकारी विभाग से लेकन मंत्रालय तक अनुमति दिये जाने के लिए आवेदन भी किया है। मजे की बात यह है इस बात की जानकारी लगते ही तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी सिंगरौली अनिल जैन ने उनके मैनेजर एस के टाय (काल्पनिक नाम) को मैनेज करने की कोशिश की थी।

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