शराब ठेकेदारों ने आबकारी विभाग की आंखो में झोंकी धूल, गले की फांस बन गई बैंक गारंटी

Friday, 2 June 2023

/ by BM Dwivedi

वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली

रीवा. विभागीय सूत्रों से बड़ी खबर निकल कर आ रही है। यदि बात सच हुई प्रदेश स्तर पर तहलका मच जायेगा। बताया जा रहा है कि रीवा, सतना और उमरिया जिले के शराब ठेकेदारों ने आबकारी विभाग में दी गई बैंक गारंटी में बड़ा खेला कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि इस बात की शिकायत उच्च स्तर पर की गई है। भोपाल से कब गाज गिर जाये कहा नहीं जा सकता है। वैसे रीवा जिला आबकारी कार्यालय में बैंक गारंटी को लेकर चहल-पहल दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि बैंक गारंटी की तस्दीक करने के लिए आबकारी अमला कभी मोरवा की ओर रूख कर सकता है। संभागीय स्तर पर देखा जाये तो 10 करोड़ रूपये से ऊपर का शराब ठेकेदारों द्वारा फर्जीवाड़ा किया जाना बताया जा रहा है। रीवा जिले से ही 8 करोड़ 68 लाख 79 हजार रूपये से ज्यादा की बैंक गारंटी में खेला हुआ है। जिसमें से जिले के सात समूहों के नाम सामने आ रहे है। सूत्र बताते हैं कि इन शराब ठेकेदारों के रिश्तेदार मोरवा के एक बैंक में है जिनके सहयोग से उक्त बैंक की गारंटी बनवा कर आबकारी विभाग में जमा की गई है। यही हाल सतना एवं उमरिया जिले का है, जहां मोरवा के ही बैंक से बैंक गारंटी बनवा कर आबकारी विभाग में बतौर अमानत के रूप में जमा की गई है।

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एक हफ्ते का काम हुआ पलक झपते!

बैंक गारंटी बनवाने में हितग्राही को लगभग एक हफ्ते से ज्यादा का समय लग जाता है। यदि  बैंक में सौ प्रतिशत राशि जमा है तो बैंक गारंटी तत्काल बन जाती है। यदि प्रापर्टी पर बैंक गारंटी बनवानी होती है तो बैंक को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। जिसमें एक हफ्ते से ज्यादा का समय लग जाता है। बैंक द्वारा उक्त प्रापर्टी की सर्च रिपोर्ट तैयार करवाई जाती है जिसमें जमीन की कीमत का आंकलन होता है। साथ ही बैंक के बीच रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होता है। लेकिन सूत्र बताते है कि वर्ष 2023-24 के निष्पादन प्रक्रिया के बाद लाईसेंसी बने शराब ठेकेदारों ने पलक झपते ही मोरवा के एक बैंक से बैंक गारंटी बनवा कर आबकारी विभाग में जमा कर दी। आबकारी विभाग ने बैंक द्वारा सत्यापित बैंक गारंटी को फाइल में शामिल कर बतौर अमानत राशि के रूप में सहेज कर रख ली है। यदि बीच में ठेकेदार शासन की राशि जमा नहीं करते तो उक्त बैंक गारंटी को समायोजित कर लिया जायेगा। लेकिन यहां सवाल यह उठता है यदि सूत्र की बातें सच निकली तो आबकारी विभाग शराब ठेकेेदारों से शासन के राशि की वसूली कहां से करेगा?

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