रीवा.नगर परिषद मऊगंज में शासकीय कर्मचारियों और भाजपा पार्षदों के बीच जमकर घमासान चल रहा है। आपसी खींचातानी की वजह से भाजपा के विकास का पहिया थम गया है। एक ओर जहां नगर परिषद की जनता भाजपा के विकास की राह तक रही वहीं दूसरी ओर भाजपा के पार्षद नगर परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रखे है। मजे की बात तो यह है कि भाजपा पार्षदों की जिद के आगे मऊगंज विधायक की भी नहीं चल रही। और सोमवार की सुबह से भाजपा पार्षद लामबंद होकर नगर पालिका परिषद के सामने धरने पर बैठने की मंशा बना चुके हैं। एक ओर जहां नगर परिषद मऊगंज के वार्ड की जनता सड़क, पानी और स्ट्रीट लाईट सहित अन्य योजनाओं के लिए त्राहि-त्राहि कर रही वहीं दूसरी ओर नपा में सीएमओ सहित अन्य शासकीय कर्मचारियों के विरूद्ध भाजपा पार्षदों ने आवाज बुलंद कर रखी है। चर्चा के दौरान भाजपा पार्षदों ने बताया कि नगर परिषद मऊगंज में सीएमओ, अध्यक्ष और लेखापाल जमकर भ्रष्टाचार का खेल रहे है। नगरीय चुनाव को लगभग 9 माह हो चुके है लेकिन नगर परिषद क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं किया। यदि किया है तो केवल फर्जी बिल बना कर कमीशनखोरी का। यदि हिसाब मांगते है तो अध्यक्ष, सीएमओ और लेखापाल की जोड़ी हिसाब देने के बजाय मुंह मोड़ लेती है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगते है तो जानकारी नहीं दी जाती है। अध्यक्ष और सीएमओ की बात तो दूर लेखापाल का कक्ष भी व्हीआईपी लोगों के कार्यालयों की तरह जगमगा रहा है। आखिर यह पैसा कहां से आ रहा है? भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सोमवार के दिन भाजपा विधायक के राज में भाजपा पार्षद नगर परिषद के सामने अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ रहे है। बताया कि जब तक उनकी शिकायतों का निराकरण नहीं होगा और नगर परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी नहीं घोषित की जायेगी तब तक वह अपने धरना स्थल से नहीं उठेंगे।
जातिवाद का लगा रहे आरोप
चुनाव आते ही जातिवाद का प्रपोगंडा शुरु हो जाता है। ऐसा ही कुछ नगर परिषद मऊगंज में भी शुरू हो गया। पार्षदों का आरोप है कि नगर परिषद मऊगंज मेंं सीएमओ, अध्यक्ष और लेखापाल एक ही समाज के है जो अपने ही समाज को बढ़ावा देने के लिए अन्य समाज के साथ दुराभाव कर रहे। साथ ही यह भी कह रहे कि सजातीय होने से इनको विधायक का भी भरपूर समर्थन मिल रहा हैै। जबकि नगर परिषद अध्यक्ष कांग्रेस के दल से है फिर भी विधायक द्वारा उनका पक्षपात लिया जा रहा है। पार्षदों को यह आरोप कहां तक सच है यह तो शोध का विषय है परंतु चुनावी मौसम में जातिवाद को लेकर बयार बहाई जा रही है। आरोप है कि नपा के कर्मचारी आशीष पटेल को अवैध रूप से स्थाई नियुक्ति दी गई है।
स्वार्थ की राजनीत में नहीं पा रहा विकास का कार्य: सीएमओ
इस संबंध में जब सीएमओ मऊगंज महेश पटेल से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा नगर परिषद में अध्यक्ष कांग्रेस के और पार्षदों को जत्था भाजपा का। इनके आपसी टकराव से नगर परिषद के कर्मचारी पिस रहे है। स्वार्थ की राजनीत से मऊगंज नगर परिषद में विकास का काम नहीं हो पा रहा है। आरटीआई के तहत कभी कोई जानकारी मांगते है तो कभी कोई जानकारी मांगते है। जिसे देने में कोई ऐतराज नहीं है लेकिन फाइलों को तलासने में मुश्किलें पड़ती है। समय पर जानकारी न दे पाने पर पार्षदगण नाराज हो जाते हैं। सोमवार को पार्षद धरने पर बैठने की चेतवानी दिये हैं। भ्रष्टाचार के जो आरोप लगा रहे है वह निराधार है चाहे तो किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवा सकते हैं।
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