ज्योतिर्विद पं. ग्याननिधि मिश्रा के मुताबिक, हर साल वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन में सूर्य संक्रांति के अनुसार विवाह आदि शुभ कार्यों के मुहूर्त आते हैं। प्राय: 14 अप्रेल से 27 जुलाई तक ग्रीष्मकाल में विवाह के सबसे ज्यादा मुहूर्त रहते हैं, लेकिन 2024 में गुरु और शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह व मांगलिक मुहूर्त कम आएंगे। शुक्र 27 अप्रेल को पूर्व में अस्त होकर 2 जुलाई को पश्चिम में उदय होगा।
गुरु का तारा 8 मई को होगा अस्त
गुरु का तारा 8 मई को अस्त व 1 जून को उदय होगा। अस्त के पहले 3 व उदय के बाद 3 दिन शुभ कार्य नहीं होंगे। 17-24 अप्रेल व 6-17 जुलाई के बीच विवाह व मंगल कार्य को 5-10 मुहूर्त ही मिलेंगे। शरदकाल के मुहूर्तों (मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन) को छोड़कर ग्रीष्म में विवाह की योजना है तो ध्यान रखें गुरु-शुक्र के अस्त होने से मुहूर्त का अभाव रहेगा।
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