कोटा। राजस्थान के कोटा में देशभर से बच्चे पढ़ाई करने जाते हैं, उत्तरप्रदेश से 18 साल का मनजोत भी मेडिकल की तैयारी के लिए गया था। लेकिन न जाने ऐसा क्या हुआ कि उसने अपनी जिंदगी ही ख़त्म कर ली। इस तरह की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कोटा में इस साल अब तक 19 स्टूडेंट आत्महत्या कर चुके हैं। यूपी के मनजोत ने अपनी जिंदगी खत्म करने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा, जो छात्र के कमरे से बरामद हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी घटनाएं कब रुकेंगी?
छात्र के कमरे से तीन टुकड़ो में सुसाइड नोट मिला है। दरअसल कमरे की दिवार पर छात्र ने तीन चिट चिपकाई थीं, जिसमें से एक में लिखा था 'सॉरी', दूसरे में लिखा था 'मैंने जो भी किया है, अपनी मर्जी से किया है। तो प्लीज मेरे दोस्तों और पैरेंट्स को परेशान न करें' और तीसरी चिट में लिखा था 'हैप्पी बर्थडे पापा...' सुसाइड नोट में लिखीं ये आँखों में आंसू ला देने वाली हैं। अपने पिता के बर्थडे विश करके के बाद आत्महत्या कर लेने वाला छात्र मनजोत सिंह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का रहने वाला था।
मनजोत अप्रैल महीने में कोटा गया था। जानकारी के बाद जब पुलिस हॉस्टल पहुंची तो उसका कमरा अंदर से लॉक था। छात्र ने अपने पूरे मुंह पर पॉलीथिन बंधी थी और हाथ को पीछे से बंधे थे। यूपी के इस छात्र की सुसाइड ने कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हॉस्टल में लगे फैन से सुसाइड करने में नाकाम होने पर पहले उसने सिर और मुंह को पूरी तरह से पॉलीथिन से ढक लिया और फिर पॉलीथिन को गले के पास से चारों तरफ से रस्सी से बांध दिया कि ताकि सांस न ले सके। और फिर अपने दोनों हाथों को भी पीछे की तरफ रस्सी से बांध लिया और बेड पर लेट गया। जिससे सांस नहीं ले पाने से उसकी मौत हो गई।
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दोस्त बनकर रहने की जरुरत, पहचाने क्षमता
इस घटना को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के साथ दोस्त बनकर रहने की जरूरत है। उनकी क्षमता से अधिक अपेक्षा न करें, दूसरों से तुलना कतई न करें क्योंकि हर व्यक्ति की क्षमता सामान नहीं होती। किसी बात पर ताने मारने से बचें। बच्चा यदि शांत, अकेला और अलग रहने लगे तो उस पर नजर रखें उसे अकेला नहीं छोड़ें। उससे प्यार से बात करें और उसके मन की बात जानने की कोशिश करें।
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