नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने देशहित में बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कम्प्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर अंकुश लगा दिया। इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। किसी उत्पाद के आयात को अंकुश लगाने का मतलब यह है कि उनके आयात के लिए अब लाइसेंस या सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य होगी। सरकार के इस फैसले का मकसद भारत में ही इन वस्तुओं के निर्माण को बढ़ावा देना है। दरअसल मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कंपनियों को देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग, मूल्यांकन, मरम्मत और उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। सूक्ष्म कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी अंकुश की श्रेणी में रखा गया है। लाइसेंस होने पर ही इन उत्पादों के आयात की अनुमति दी जाएगी। इस साल अप्रेल-जून में इलेक्ट्रॉनिक्स आयात 19.7 बिलियन डॉलर था। आयातित सामान में लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर शामिल हैं।
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बतादें कि सरकार के इस कदम का सबसे ज्यादा असर चीन पर होगा। क्योंकि चीन इलेक्ट्रॉनिक बाजार का बड़ा निर्यातक है। चीन की कंपनियों की भारत के मोबाइल बाजार पर खासी पकड़ हैं। एपल जैसी बड़ी कंपनी के मोबाइल भी चीन में बनकर भारत पहुंचते हैं। चीन मोबाइल फोन के अलावा कंप्यूटर और लैपटॉप भी एक्सपोर्ट करता है।
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