भोपाल. मध्यप्रदेश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों (Medical and Dental Colleges) के सरकारी स्कूल (Government school) यानी जीएस कोटे के नाम पर धांधली उजागर हुई है। इसी सत्र के लिए नीट यूजी काउंसिलिंग (neet ug counseling) के पहले राउंड में गलत प्रमाण पत्रों के जरिये 30 छात्रों ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लिया है। बतादें कि केंद्रीय स्कूलों से पढ़ाई करने वाले इन बच्चों ने जब जीएस कोटे का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया तो स्कूल के प्राचार्य से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) तक ने नियमों पर ध्यान नहीं दिया। काउंसिलिंग के दौरान भी किसी की नज़र इन पर नहीं पड़ी। दस्तावेज जांच के दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical Education Department) अब इनकाछात्रों का प्रवेश निरस्त करने की तैयारी में है। वहीँ इस मामले में डीएमई डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि विद्यार्थी नियमों को समझ नहीं पाए थे। जिम्मेदारी प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारियों की थी। हम इन्हें दोबारा मौका देंगे।
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5 फीसदी कोटा
बतादें कि सत्र 2023-2024 से सरकारी स्कूल से पढाई करने वाले छात्रों (Government school) को सरकारी और निजी मेेडिकल कॉलेजों में 5% कोटा देने का नियम है। पांच फीसदी में कोटा पाने के लिए छात्र को आरटीई के तहत पहली से आठवीं तक की पढ़ाई के साथ 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों से करना अनिवार्य है।
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