भोपाल. सात माह के अंदर गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) की एक और पीजी स्टूडेंट (PG student) ने आत्महत्या कर लिया। रविवार के देर रात आकांक्षा की तरह ही इंजेक्शन के जरिए एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर 27 साल की बाला सरस्वती ने सुसाइड कर ली। वे मूल रूप से आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) की रहने वाली थीं। वह गायनेकोलॉजी (gynecology) में पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल इयर में थीं। वह 14 हफ्ते के गर्भ से थीं। बेड के पास दो एनेस्थीसिया इंजेक्शन मिले हैं। बतादें कि साल की शुरुआत में जीएमसी की पीजी स्टूडेंट डॉ. आकांक्षा माहेश्वरी ने तनाव के चलते आत्महत्या कर ली थी। और अब बाला सरस्वती ने सुसाइड कर ली, जिसके बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
घटना के बाद आक्रोशित गायनिक विभाग के सभी जूनियर डॉक्टरों ने काम करने से इंकार कर दिया। वे मामले की पूरी तरह से जांच की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वार्ड में शारीरिक व मानसिक तनाव झेलना पड़ता है। छोटी-छोटी गलतियों पर जूनियर डॉक्टर को कुछ दिनों के लिए ऑपरेशन न करने देने जैसी सजाएं मिलती थीं। लगातार 36-36 घंटे की ड्यूटी के दौरान कंसलटेंट छात्रों को डांटते थे कि यूनिफार्म गंदी है। आरोप लगाया कि सीनियर्स जूनियर्स की मानसिक स्थितियों को नहीं समझते। कोई परेशानी बताने पर डांट कर भगा देते हैं।
डॉक्टर के पति कर रहे यूपीएससी की तैयारी
जानकारी के मुताबिक कोहेफिजा स्थित कहकशा अपार्टमेंट में 6 महीने पहले ही वे अपने पति के साथ शिफ्ट हुई थीं। पुलिस के मुताबिक डॉ. बाला सरस्वती के पति जयवर्धन यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। सोमवार सुबह साढ़े छह बजे बेंगलूरु में रहने वाले भाई ने जूनियर डॉक्टर सरस्वती को उनके मोबाइल पर कॉल किया, जब उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया तो बहनोई जयवर्धन को कॉल कर बात कराने को कहा। जब जयवर्धन बेडरूम में पहुंचे, तो सरस्वती अपने बेड पर बेसुध हालत में पड़ी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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