दिव्यांग बच्चे के जन्म पर 50 लाख का मुआवजा देगा अस्पताल, जानिए क्यों उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने दिया ये आदेश

Saturday, 14 October 2023

/ by BM Dwivedi

रहिये अपडेट, तिरुवनंतपुरम. केरल के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) ने गंभीर दिव्यांगता वाले बच्चे के जन्म के मामले में मेडिकल लापरवाही को लेकर एक अस्पताल को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। आयोग ने फैसले में कहा कि अस्पताल के डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की विसंगतियों का पता लगाने में नाकाम रहे।

जानकारी के मुताबिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत रेशमी दास और पति जयेश जे. आर. ने पथानामाथिट्टा के सेंट ल्यूक अस्पताल (न्यू लाइफ फर्टिलिटी सेंटर) के खिलाफ मामला दायर किया था। शिकायत में कहा गया कि रेशमी दास ने जिस बच्चे को जन्म दिया, उसके निचले अंग और कूल्हे नहीं थे। आयोग ने अस्पताल को आदेश दिया कि दिव्यांग बच्चे के नाम पर राष्ट्रीयकृत बैंक में 50 लाख रुपए जमा कराए जाएं, ताकि इसके ब्याज से बालिग होने तक उसकी देखभाल की जा सके।

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चलने-फिरने में पूर्णत: असमर्थ
दंपती का कहना था कि प्रसव पूर्व देखभाल के दौरान अस्पताल के डॉक्टरों का ध्यान भ्रूण की खामियों पर नहीं गया। आयोग ने फैसले में कहा कि अस्पताल की लापरवाही से ऐसे बच्चे का जन्म हुआ, जो चलने-फिरने में असमर्थ है।

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