रहिये अपडेट, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि महिलाओं का छोटे कपड़ों में उत्तेजक नृत्य के साथ इशारे करना अश्लील और अनैतिक कृत्य नहीं है। जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी मेनेजेस की खंडपीठ ने आइपीसी की धारा 294, सार्वजनिक रूप से अभद्रता के लिए महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धाराओं और महाराष्ट्र निषेध अधिनियम, 1949 के तहत पांच लोगों के खिलाफ एफआइआर रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। पुलिस ने एक रिसॉर्ट व वाटर पार्क के हॉल में छापेमारी के बाद एफआइआर दर्ज की थी। वहां छह महिलाएं कथित तौर पर शॉर्ट स्कर्ट में नृत्य करती पाई गई थीं। लोग उन पर पैसे बरसा रहे थे। इस मामले में पांच पुरुषों और महिलाओं पर मामला दर्ज किया गया।
दिखावटी ड्रेस पहनना सामान्य व स्वीकार्य
खंडपीठ ने कहा कि वह समाज में प्रचलित नैतिकता के मानदंडों के प्रति सचेत है, लेकिन वर्तमान में यह सामान्य है कि महिलाएं दिखावटी पोशाक पहन सकती हैं। सार्वजनिक स्थान पर किया नृत्य न तो अश्लील था, न किसी के लिए परेशानी वाला।
याचिकाकर्ताओं के वकील का तर्क
याचिकाकर्ताओं के वकील अक्षय नाइक ने तर्क दिया कि एफआइआर में किसी भी व्यक्ति या शिकायतकर्ता को नाचती हुई लड़कियों को देखकर झुंझलाहट महसूस होने का उल्लेख नहीं है। सिर्फ इसलिए इस कृत्य को अपराध नहीं माना जा सकता कि पुलिस की नजर में यह अश्लील था।
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