रहिये अपडेट, धर्म-आध्यात्म। शारदीय नवरात्र का त्योहार 15 अक्टूबर से चित्रा नक्षत्र एवं तुला राशि के चंद्रमा की साक्षी में शुरू होगा। माता की आराधना भी इस बार पूरे नौ दिन होगी। सूर्य, बुध का कन्या राशि में गोचर करना बुधादित्य योग की स्थिति बनाता है। संयोग से इसी दिन रविवार है, जो साधना की सफलता के नए आयाम देगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि माता का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिससे सुख, धन, वैभव और समृद्धि आएगी। माता का प्रस्थान वाहन मुर्गा होगा, जिसे प्राकृतिक आपदा का संकेत माना गया है।
प्रमुख तिथियां
- 15 अक्टूबर नवरात्र आरंभ
- 19 अक्टूबर को ललिता पंचमी
- 22 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी
- 23 अक्टूबर महानवमी उत्थापन
- 24 अक्टूबर विजयादशमी, अपराजिता पूजन, शमी पूजन
- 26 अक्टूबर सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 6.31 से शाम 6.00 बजे तक
- 27 अक्टूबर अमृतसिद्धि योग प्रात: 9.30 बजे से रात्रि पर्यंत
- 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण
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