रहिये अपडेट, रीवा. इस वर्ष आश्विन मास की पूर्णिमा अर्थात शरद पूर्णिमा की मध्य रात्रि चंद्र ग्रहण से ग्रसित होगी। 28 एवं 29 अक्टूबर 2023 की मध्य रात्रि को संपूर्ण भारत वर्ष में खंड ग्रास के रूप में वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसी दिन सायंकाल 4 बजे से 6 बजे के मध्य चंद्रोदय हो जाएगा। इसीलिए इस ग्रहण का प्रारंभ मध्य तथा मोक्ष पूरे देश में दिखाई देगा।
ज्योतिर्विद प्रभाकांत तिवारी के मुताबिक पिछले 15 दिन की अवधि में यह दूसरा ग्रहण है। इसके पूर्व 15 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ा था लेकिन वह भारत में दिखाई नहीं दिया था। इस बार लोग चंद्रग्रहण को देख सकते हंै। ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में स्नान, दान, जप, पाठ, मंत्र सिद्धि, तीर्थ स्थान एवं हवन आदि करना शास्त्रों के अनुसार शुभ माना गया है। वहीं सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना, खाना पीनाख् निद्राए, मैथुन आदि वर्जित कहे गए हैं।
ग्रहण का समय
- ग्रहण स्पर्श-रात्रि 1.05 बजे
- ग्रहण मध्य-रात्रि 1.44 बजे
- ग्रहण मोक्ष-रात्रि 2.24 बजे
- ग्रहण का पर्व काल-एक घण्टा 19 मिनट
ग्रहण का सूतक
हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण प्रारंभ होने से 9 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है। ग्रहण की समाप्ति के बाद से ही सूतक भी समाप्त मान लिया जाता है। इस वर्ष चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर को सायंकाल 4 बजे से प्रारंभ होगा। शिशु, वृद्ध तथा रोगियों के लिए सूतक रात्रि 9 बजे से प्रारंभ होगा।
ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
इस बार चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से अश्वनी नक्षत्र तथा मेष राशि पर लग रहा है। इसलिए इन राशि वालों को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है तथा ग्रहण की अवधि में बाहर न निकलना तथा ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। यह ग्रहण मेष, वृषभ, कन्या राशि तथा मकर राशि के लिए अशुभ है। वहीं मिथुन तथा कुंभ राशि वालों के लिए शुभ होगा तथा शेष राशि वालों के लिए सामान्य फलदाई रहेगा।
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