रहिये अपडेट, नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई शिक्षा नीति के तहत सभी डिग्री पाठ्यक्रमों में इंटर्नशिप को अनिवार्य करने जा रहा है। पढ़ाई छोड़ने पर भी विद्यार्थियों को इंटर्नशिप करना जरूरी होगा, तभी उन्हें डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके लिए शिक्षण संस्थानों (Educational institutions) को कंपनियों के साथ एमओयू (MOU) भी करना पड़ेगा। इंटर्नशिप प्रोग्राम (internship Programme) के लिए विशेष नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी। मार्गदर्शिका के अनुसार शिक्षा संस्थानों (Educational institutions) को बाजार का सर्वे कर इंटर्नशिप प्रोग्राम तैयार करना होगा। यूजीसी ने सभी संस्थानों (institutions) से इस बारे में 20 नवंबर तक राय भी मांगी है।
अंकतालिका में जुड़ेंगे क्रेडिट
यूजीसी ने नेशनल हायर एजुकेशन फ्रेमवर्क (National Higher Education Framework) के ग्रेजुएट प्रोग्राम पाठ्यक्रमों के क्रेडिट फ्रेमवर्क को भी साझा किया है। 3 और 4 साल के डिग्री कोर्स के साथ 4 साल के ऑनर्स कोर्स (honors course) करने वाले विद्यार्थियों को 60 से 120 घंटे की इंटर्नशिप (internship) करनी होगी। मुख्य अंकतालिका में 2 से 4 और 8 से 12 क्रेडिट जुड़ेंगे।
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