रहिये अपडेट, सेहत। दिवाली का त्यौहार नजदीक है ऐसे में घरों, ऑफिस व दुकानों में साफ-सफाई व रंग रोगन के काम हो रहे हैं। इसी के कारण लोगों में डस्ट एलर्जी की समस्या भी बढ़ रही है। इसमें महिलाओं व बच्चों की संख्या अधिक है। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार 80 फीसदी एलर्जी के कुल मामलों में से 70 फीसदी से ज्यादा डस्ट एलर्जी के कारण होते हैं। ठंड की शुरूआत व दिवाली के आस-पास यह समस्या हर दूसरे घर में लोगों को परेशान करती नजर आती हैं। ऐसे में यदि सावधानी ना रखी जाए तो यह व्यक्ति को दमा व सांस संबंधी गंभीर बीमारी (Asthma and serious respiratory disease) की गिरफ्त में ला सकती है। शहर के सरकारी अस्पतालों में रोजाना ऐसे 20 से 25 मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं, जो घर व कार्य स्थल की साफ सफाई के चलते बीमार पड़ गए हैं।
जानिए क्यों होती है समस्या
मानसून के दौरान सीलन व फफूंद बढ़ जाती हैं। जो दिवाली आने से पहले व ठंड की शुरूआत में वातावरण से नमी कम होने के कारण सूखने से दूर तक फैलने लगती है। ऐसे में सफाई के दौरान यह सब धूल के साथ मिलकर सांस लेते समय शरीर में पहुंच जाते हैं। जो एलर्जी को ट्रिगर करने का कार्य करती है। इसी दौरान यदि रंग रोगन में उपयोग होने वाले रसायनों के साथ मिलकर सांस के साथ यह शरीर में पहुंचे तो यह दमा व सांस संबंधी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- साफ सफाई के दौरान नाक, कान व मुंह को कपड़े से ढक कर रखें
- आंखों पर चश्मा लगा कर रखें
- साफ - सफाई की जगह से हट कर खाने व पीने का सेवन करें
- पेंट व अन्य रसायनों से युक्त सामान से बच्चों को दूर रखें
ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
- बार-बार छींक का आना, नाक बहना या बंद हो जाना
- आंखें लाल होना, खुजली व आंसू निकलना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- बार बार खांसी आना
- शरीर में अलग-अलग जगह खुजली होना
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