रहिये अपडेट, नई दिल्ली. सामाजिक विज्ञान की पुस्तकों में अब रामायण और महाभारत पढाई जाएगी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की उच्च स्तरीय समिति ने पुस्तकों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने की सिफारिश की है। समिति के अध्यक्ष सीआइ आइजैक ने मंगलवार को कहा कि, कक्षा 7 से 12 तक के विद्यार्थियों को रामायण व महाभारत पढ़ाना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि किशोरावस्था में ही विद्यार्थी अपने आत्मसम्मान, देशभक्ति और राष्ट्र के लिए गौरव का निर्माण करते हैं। कुछ बोर्ड पहले से ही रामायण और महाभारत पढ़ाते हैं लेकिन इसे और अधिक विस्तृत तरीके से किया जाना चाहिए।
अगले शैक्षणिक सत्र से होगा लागू
पिछले वर्ष गठित सात सदस्यीय समिति ने सामाजिक विज्ञान के लिए कई सिफारिशें की हैं। यह सिफारिशें एनसीईआरटी की नई किताबों में अमल में आ सकती हैं। गौरतलब है कि एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूल के पाठ्यक्रम को संशोधित कर रहा है। एनसीईआरटी की नई किताबें अगले शैक्षणिक सत्र तक तैयार होने की उम्मीद है। आइजैक ने कहा, ‘हमारी प्रस्तावना लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता सहित सामाजिक मूल्यों को महत्त्व देती है। इसलिए, हमने इसे कक्षाओं की दीवारों पर लिखने की सिफारिश की है ताकि हर कोई इसे समझ सके और सीख सके।’
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