रहिये अपडेट रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का 11वां दीक्षांत समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया। पंडित शंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित समारोह में राज्यपाल तथा कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने छात्रों को पदक तथा उपाधि प्रदान की। समारोह के मुख्य अतिथि वृंदावन के आनंदधाम के पीठाधीश्वर स्वामी ऋतेश्वर महराज ने कहा कि जिसने मानव के रूप में जन्म लिया है वह सम्मान के योग्य है। अभी भी हमें अंग्रेजों द्वारा बनाई गई पद्धति से शिक्षा दी जा रही है। यह शिक्षा ज्ञान और आनंद नहीं देती है। अमेरिका, इंग्लैण्ड, स्वीडन, फ्रांस जैसे विकसित और समृद्ध देश के अधिकांश नागरिक तनाव, अवसाद और एंग्जाइटी के शिकार हैं। इसलिए हमें शिक्षा की पद्धति में परिवर्तन करना होगा। मानव के मन का तनाव और अवसाद मिटाकर जो आनंद से भर दे वही शिक्षा असली शिक्षा है। सच्चे ज्ञान और शिक्षा के लिए हमें सनातन धर्म की ओर जाना पड़ेगा। धर्म को जानना और उसका आचरण करना दोनों कठिन हैं। लेकिन धर्म और सत्य का आचरण ही जीवन को उत्कृष्टता देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में केरल सबसे शिक्षित राज्य है लेकिन वृद्धाश्रम भी सबसे अधिक वहीं हैं। ऐसी शिक्षा किसी काम की नहीं जो अपने मां-बाप की सेवा करने की सीख तक नहीं दे सके।
आने वाला समय मानव के लिए बहुत कठिन
आने वाला समय मानव के लिए बहुत कठिन होगा। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस(एआई) ने हमारे विचार करने के तरीके को बदल दिया है। इसका हम सही दिशा में उपयोग कर सकते हैं लेकिन इसकी दिशा ठीक न होने पर यह बहुत घातक होगा। छात्रों से कहा कि दीक्षांत के बाद बेरोजगारों की फौज में शामिल मत होना, दूसरों को नौकरी देने के लायक बनना। अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लोकार्पण का जिक्र करते हुए कहा कि अपने को सौभाग्यशाली समझें कि ऐसा अवसर हमारे सामने आया है। कई पीढ़ियां इसके इंतजार में गुजर गईं।
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