रहिये अपडेट, जयपुर। देश के चार राज्यों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और नतीजे भी आ चुके हैं। तीन राज्यों में भाजपा ने बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। इसका श्रेय पीएम मोदी का मैजिक और अमित शाह की रणनीति को दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में जहां भाजपा की पुनः सरकार बनने जा रही है। वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो चुकी है और अब बीजेपी की सरकार बनने वाली है। जबकि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बन सकती हैं। इन सब से इतर राजस्थान की बात करें तो यहां पर सत्ता परिवर्तन का रिवाज़ कायम हैं। राजस्थान में इस बार फिर से राज बदल गया है। सत्ता में काबिज रही कांग्रेस अब विपक्ष में बैठेगी और भाजपा सत्ता सम्हालेगी।
अब भाजपा पांच साल करेगी शासन
बतादें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में तीस सालों से चले आ रहे सत्ता परिवर्तन के रिवाज को यहां की जनता ने कायम रखा है। हालांकि कांग्रेस ने विभिन्न योजनाओं जनता के लिए सात गारंटियों की घोषणा का कर इस रिवाज बदलने की पूरी कोशिश की। बावजूद इसके रिवाज नहीं बदला पाई। अब कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ेगा। राजस्थान का राज बदल गया है और अब भाजपा पांच साल के लिए शासन करेंगे।
इस वजह से गवानी पड़ी सत्ता
इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपना मुख्यमंत्री आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया था। भाजपा जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ रही थी वहीँ कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही मुख्य चेहरा थे। माना जा रहा है कि, कांग्रेस को विधायकों के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी और टिकट वितरण में उनके चेहरे नहीं बदलने की वजह से सत्ता गंवानी पड़ी।
प्रदेश की 200 में से 199 सीटों पर हुआ चुनाव
राजस्थान के बड़े नेताओं में शामिल अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीना भले ही चुनाव जीत गए। लेकिन कांग्रेस के कई मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तो भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित कई बड़े चेहरे विधानसभा नहीं पहुंच पाए। वहीं, कांग्रेस सरकार सरकार के मंत्रिमंडल के 26 सदस्यों में से 17 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुआ था। भाजपा को 115 सीटें हासिल कर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है। वहीँ कांग्रेस 68 सीटों पर ही सिमटकर रह गई है। बता दें कि श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत कुन्नर के निधन की वजह से वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
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