रहिये अपडेट, रीवा। विश्वविद्यालय और कालेजों में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने को लेकर सरकार के सकारात्मक रुख का छात्रों एवं संगठनों ने स्वागत किया है। कई वर्षों से प्रत्यक्ष प्रणाली पर चुनाव कराने को लेकर सरकार की ओर से आश्वासन दिया जाता रहा है लेकिन प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। अब एक बार फिर से सरकार ने रुख स्पष्ट किया है कि प्रत्यक्ष प्रणाली के तहत चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ने का क्रम जारी है। उच्च शिक्षा विभाग के अकादमिक कैलेंडर में प्रवेश प्रक्रिया के बाद छात्र संघ का चुनाव कराए जाने का उल्लेख भी किया गया है। सरकार के इस रुख का शहर के छात्रों एवं छात्र संगठनों से जुड़े नेताओं ने स्वागत किया है। साथ ही छात्रों के मन में एक सवाल भी है कि अकादमिक कैलेंडर में इसके पहले भी उल्लेख किया जाता रहा है लेकिन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाता। जब प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी तभी छात्रों को इस पर भरोसा होगा। छात्रों का कहना है कि छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के चलते कालेज स्तर से ही छात्र नेतृत्व सामने आएंगे। कई वर्षों से चुनाव नहीं कराए जाने की वजह से छात्रों के बीच से नेतृत्व को अवसर नहीं मिल पा रहा है।
कई बार तैयारियां शुरू हुईं पर अमल नहीं
छात्र संघों के चुनाव को लेकर बीते कई वर्षों से सरकार की ओर से कोई स्पष्ट नीति नहीं तैयार की गई है। प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने के चलते कई जगह विवाद की स्थितियां निर्मित होने की वजह से सरकार ने प्रक्रिया रोक दिया था। बाद में कक्षा प्रतिनिधियों के जरिए चुनाव कराए गए, उसे भी रोक दिया गया। इसके बाद कई वर्षों तक कक्षाओं के टॉपर छात्रों को ही अवसर दिया जाता रहा। वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के दौरान भी चुनाव की बात कही गई लेकिन अमल में नहीं लाया जा सका। इसके बाद कोरोना काल के चलते प्रक्रिया रुकी रही। वर्ष 2022 में उच्च शिक्षा मंत्री रहते मोहन यादव ने प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने की बात कही थी। उनके प्रयासों से ही प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई थी, इसलिए छात्रों को भरोसा था। अब वह प्रदेश के स्वयं मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में छात्रों की उम्मीदें बढ़ी हैं कि अब प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जा सकते हैं।
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