रहिये अपडेट, रीवा। अयोध्या के श्रीराम मंदिर स्थल को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अब बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का नारा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। लेकिन जो मंदिर बनाया जा रहा है, वह श्रीराम जन्मभूमि वाले स्थान से दूर है। इनका मतलब उनका इरादा मंदिर रामजन्मभूमि स्थल पर बनाने का नहीं था, बल्कि बाबरी मस्जिद गिराकर धार्मिक तनाव पैदा करना था ताकि राजनीतिक लाभ मिल सके। सिंह ने कहा कि जो मंदिर बनाया जा रहा है, वह मस्जिद वाली जगह पर नहीं बल्कि पूर्व में प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहाराव द्वारा दिए गए स्थान पर हो रहा है। एक सवाल यह भी उठाया कि अधूरे निर्माण वाले मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा धर्म के खिलाफ है। शंकराचार्यों की बातें नहीं सुनी जा रही हैं। यह कार्यक्रम भाजपा और आरएसएस का हो कर रह है, इसलिए कांग्रेस नेतृत्व ने इस आयोजन में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। राम मंदिर सबका है, जब निर्माण पूरा हो जाएगा तो सभी कांग्रेसी या अन्य भी जाएंगे और पूजा करेंगे। खुद को धार्मिक व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनके यहां राघौ मंदिर में अखंड ज्योति जलाई जा रही है। नर्मदा परिक्रमा पैदल चलकर किया है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के दीक्षित शिष्य होने के नाते सनातन की भी जानकारी है। कहा कि सनातन धर्म प्राणियों में सद्भाव और विश्व के कल्याण की कामना करता है।
सनातन के स्वरूप नहीं मिटाया जा सकता
सिंह ने कहा कि एक हजार वर्ष से अधिक समय तक गैर हिन्दुओं ने देश में शासन किया लेकिन सनातन के स्वरूप नहीं मिटा पाए। आरोप लगाया कि अब सत्ता में बैठे लोग अपने हिसाब से धर्म को भी चलाने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि शंकराचार्यों को दरकिनार करते हुए चुनावी लाभ के लिए अधूरे मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। रीवा पहुंचे दिग्विजय सिंह के साथ सीडब्ल्यूसी मेंबर कमलेश्वर पटेल, विधायक फूल सिंह बरैया, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा, महापौर अजय मिश्रा, रामगरीब वनवासी, गुरमीत सिंह मंगू सहित अन्य मौजूद रहे।
मोदी की गारंटी में कालाधन लाने और रोजगार की भी बात थी
दिग्विजय सिंह ने कहा कि इनदिनों मोदी की गारंटी नया शब्द सुनने को मिल रहा है। गारंटी तो उन्होंने कालाधन वापस लाने और रोजगार देने की भी दी थी। कालाधन आया नहीं बल्कि कुछ चिन्हित पूजीपतियों के साथ में पूरी अर्थव्यवस्था सौंप दी है। रोजगार नहीं मिलने से आहत युवकों ने संसद के भीतर घुसकर गैस छोड़ी, गनीमत रही कि यह जहरीली नहीं थी अन्यथा कई लोग मरते। रोजगार नहीं मिलने से युवाओं द्वारा ऐसे कदम उठाना चिंताजनक है। गारंटी की बात इनके मुंह से शोभा नहीं देती। लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। संसद में बयान देने के बजाए टीवी पर सरकार के लोग बात करते हैं।
जब तक ईवीएम है, भाजपा को जीत मिलती रहेगी
ईवीएम पर भी दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए और कहा कि वर्ष 2012 के बाद से इसकी सेटिंग भाजपा के पास है, इसलिए जो चुनाव चाहते हैं जीतते हैं। वर्ष 2014 में कहा कि किसी का समर्थन नहीं चाहिए पूर्ण बहुमत मिलेगा। वर्ष 2019 में कहा कि तीन सौ पार जाएंगे तो परिणाम भी उनके अनुकूल रहा। अब चार सौ पार का नारा दे रहे हैं तो उनके पास कंट्रोल रहेगा तो कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में केवल पांच देश ही ईवीएम से चुनाव करा रहे हैं। जनता को इस मामले में आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस का अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं रहा है। समीक्षा में कई बातें सामने आई हैं। अब लोकसभा की तैयारी चल रही है। गठबंधन के निर्णय के बाद स्थिति साफ होगी।
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