रहिये अपडेट, रीवा। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बसामन मामा गौ वन्य विहार अभ्यारण्य की यज्ञशाला में आयोजित बैठक में वन्य विहार के विकास कार्यों की समीक्षा की। कहा कि इस गौ वन्य विहार में गौवंश को आश्रय देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। गौ वन्य विहार को गोबर गैस और सोलर प्लांट के माध्यम से ग्रीन एनर्जी का सेंटर बनाएंगे। वहीं उन्होंने गौ सेवकों का मानदेय एक हजार रुपए बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
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गौ माता पवित्रता की पराकाष्ठा
बैठक में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ माता पवित्रता की पराकाष्ठा होती है। गाय ही एक मात्र ऐसी जीव है जिसके गोबर और गोमूत्र का उपयोग पूजा में किया जाता है। बसामन मामा गौ वन्य विहार प्रोजेक्ट प्रदेश में अपनी तरह की अनूठी परियोजना है। कहा कि गौशाला के गोबर से कम्प्रेस्ट गोबर गैस बनाकर नगर निगम को सप्लाई करें। इससे नगर निगम के वाहन चलाए जाएंगे। गौशाला के सभी शेडों में सोलर सिस्टम स्थापित करके सौर ऊर्जा का उत्पादन कराएं। गोबर गैस और सौर ऊर्जा से वन्य विहार को अच्छी आय होगी। गौशाला के गोबर से गुणकारी खाद, गोनाइल तथा अन्य उत्पाद बनाकर भी अतिरिक्त आय प्राप्त करें। इससे गौशाला से जुड़ स्वसहायता समूहों को स्वरोजगार के अवसर मिलने के साथ गौशाला को अतिरिक्त आय होगी। बैठक में पेयजल व्यवस्था, सौर ऊर्जा प्लांट तथा गौशाला के प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य एक माह में पूरा कराने के निर्देश दिए। इसके बाद बाद उप मुख्यमंत्री ने गौ माता की पूजा कर गौ ग्रास खिलाया और एक पेड़ मां के नाम अभियान में पौधे रोपित किए। इस अवसर पर पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी, कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी एमएस सिकरवार, कलेक्टर प्रतिभा पाल, सीइओ डॉ. सौरभ सोनवणे, एसडीएम आरके सिन्हा, संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ. राजेश मिश्रा, वनमण्डलाधिकारी अनुपम शर्मा आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
गौ वन्य विहार की होगी ग्रीन फेंसिंग
बैठक में बताया कि गौशाला के समीप ही सात एकड़ क्षेत्र में पांच हजार पौधे गत वर्ष रोपित किए गए थे। वहीं गौशाला के अंदर भी वन विभाग ने एक हजार पौधे लगाए हैं, जिसके कारण पूरा परिसर हराभरा हो गया है। अब गौ वन्य विहार के चारों ओर 2400 मीटर में बांस का रोपण करके ग्रीन फेंसिंग की जाएगी।
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