रहिये अपडेट, रीवा. त्योहारी सीजन के शुरूआत से पहले ही आमजन को महंगाई का झटका लगा है। कच्चे रिफाइंड तेल पर केन्द्र सरकार के द्वारा आयात शुल्क लगाने के बाद बाजार में सरसों तेल एवं रिफाइंड तेल की कीमतें 20 से 25 रुपए लीटर तक अचानक बढ़ गई है। वहीं बारिश के कारण सब्जियों के दाम भी आसमान पर है। इसी समय दाल की बढ़ती कीमतों ने पूरा बजट बिगड़ गया है। लोग परेशान हैं कि घर कैसे चलेगा। सारा भार महिलाओं की रसोई पर आ गया है।
कारोबारी बताते है कि त्योहारी सीजन एवं पितृपक्ष के पहले खाद्य तेलों के भाव नहीं बढ़ते थे। लेकिन इस बार पितृपक्ष में ही कीमतें बढ़ गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि त्योंहारी सीजन में इनके दाम अभी और बढ़ेंगे। कुछ दिनों पहले तक 110 रुपए लीटर बिकने वाला रिफाइंड तेल की कीमतें 135 से 140 रुपए तक पहुंच गई है। इसी तरह सरसो के तेल की कीमतों में उछाल है। इसके पीछे सरकार के द्वारा लगाया गया आयात शुल्क बताया जा रहा है। सरकार ने कच्चे तेल में आयात शुल्क 20 फीसदी तक कर दिया है, इससे लगातार दाम बढ़ रहे हैं।
धानिया व लहसुन 400 के पार
सब्जी के साथ नि:शुल्क मिलने वाली धनिया 400 रुपए के पार पहुंच गई है। वहीं लहसुन की कीमत भी 400 के ऊपर है। इसके अतिरिक्त बारिश होने के कारण सब्जियों के दामों में अचानक वृद्धि हुई। वर्तमान में टमाटर की कीमतें जहां 50 से 60 रुपए किलो, आलू 40 से 45 रुपए किलो, बैंगन 30 से 40 रुपए किलो, लौकी 30 से 40 रुपए किलो, प्याज 50 से 60 रुपए किलो, तरोई 60 रुपए किलो, रुइया 80 रुपए किलो, मिर्च 80 से 100 प्रति किलो तक पहुंच गया है। इससे गरीबों के साथ ही आम लोगों के घर का पूरा बजट बिगड़ गया है। ऐसे में घर का खर्च चलना मुश्किल हो रहा है।
दाल की दामों में उछाल
पिछले दो महीनों में सब्जियों की दाम बढ़ने पर दाल की मांग बढ़ी है। लेकिन इसके अनुरूप आपूर्ति कम होने के कारण दाल की कीमतों में भी पिछले दो महीने में काफी उछाल है। दाल में प्रति किलो 30 से 35 रूपए की वृद्धि हुई है। विंध्य व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष नरेश काली बताते हैं कि आने वाले समय में दाल की कीमतें और बढ़ेगी। वर्तमान में 160 रुपए किलो बिकने वाली अरहर की दाल 195 रुपए तक पहुंच गई है। इसी तरह मूंग दाल 140 रूपए से बढ़कर 180 रूपए तक पहुंच गई। जिसका सीधा असर गरीबों की रसोई पर पड़ रहा है।
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